महाराष्ट्र में महिला की नृशंस हत्या का मामला : पुलिस ने 20 से अधिक लोगों के किए  बयान दर्ज 

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

ठाणे। महाराष्ट्र में ठाणे जिले के एक फ्लैट में महिला के शव के टुकड़े मिलने की घटना के मामले मीरा-भायंदर, वसई-विरार पुलिस ने 20 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए हैं। महिला के शव के कुछ टुकड़ों को कथित तौर पर प्रेशर कुकर में उबाला गया था। गौरतलब है कि महिला सरस्वती वैद्य और मनोज साने (56) ‘लिव-इन’ में रहते थे।

ये भी पढ़ें - 'सरकार प्रतिशोध की राजनीति कर रही, विपक्षी दल नहीं झुकेंगे', बालाजी की गिरफ्तारी पर बोले खरगे

साने को कथित तौर पर सरस्वती की हत्या करने और उसके शव के टुकड़े कर उसे ठिकाने लगाने के मामले में गिरफ्तार किया गया है। घटना ठाणे जिले के मीरा रोड की है, जहां ये लोग एक अपार्टमेंट की सातवीं मंजिल पर किराए के फ्लैट में रहते थे। साने को एक अदालत ने 16 जून तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। पुलिस उपायुक्त (जोन-एक) के जयंत बजबाले ने बताया, “मामले में सबूत एकत्रित किए जा रहे हैं।

अभी तक 20 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं। मिलान के लिए सरस्वती और उसके करीबियों के डीएनए नमूने लिए गए हैं।” अधिकारियों के मुताबिक, पुलिस ने सोमवार को सरस्वती की बहनों को उसके अवशेष सौंप दिए, ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। आरोपी और महिला के बीच हुई बातचीत (चैट व कॉल) के रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। एक अधिकारी ने बताया कि साने पर सरस्वती को कीटनाशक देकर मारने का संदेह है।

उसने कथित तौर पर बोरीवली के पश्चिमी उपनगर की एक दुकान से कीटनाशक खरीदा था। संदेह है कि हत्या चार जून को की गई। हालांकि, इसका खुलासा सात जून को हुआ, जब मीरा रोड (पूर्व) स्थित आकाशदीप बिल्डिंग में रहने वाले लोगों ने सरस्वती के फ्लैट से दुर्गंध आने की शिकायत की और उसके आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस फ्लैट का दरवाजा तोड़ उसमें दाखिल हुई।

राशन की एक दुकान पर काम करने वाले साने ने दावा किया कि सरस्वती ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली थी और उसने उसके शव के टुकड़े करके उसे ठिकाने लगाने की कोशिश की। आरोपी ने पुलिस से कथित तौर पर कहा कि वह एचआईवी से संक्रमित है और उसके सरस्वती के साथ कोई शारीरिक संबंध नहीं थे। उसने यह भी दावा किया है कि सरस्वती उसकी पत्नी थी और दोनों ‘लिव-इन’ में नहीं रह रहे थे। 

ये भी पढ़ें - चक्रवात बिपरजॉय: गुजरात के तटीय इलाकों से करीब 37,800 लोगों को निकाला गया 

संबंधित समाचार