प्रयागराज : सहायक प्रवक्ता के लिए गलत श्रेणी विकल्प भरने के मामले में अभ्यर्थी को राहत देने से इनकार

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा सेवा आयोग द्वारा विज्ञापित सहायक प्रोफेसर (अंग्रेजी) के पद पर चयन के लिए फॉर्म भरते समय याची द्वारा गलत श्रेणी विकल्प भर देने के मामले पर विचार करते हुए कहा कि वर्तमान याचिका में मांगी गई राहत नहीं दी जा सकती है। अतः याचिका पूर्वोक्त स्वतंत्रता के साथ वापस ली गई मानकर खारिज की जाती है।

उक्त आदेश न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की एकलपीठ ने ललितपुर निवासी रेणु चंदेल की याचिका पर सुनवाई के दौरान पारित किया। दरअसल याची ने आवेदन करते समय गलती से अपनी श्रेणी सामान्य श्रेणी के रूप में भर दी, हालांकि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) से संबंधित है। याची का मामला यह है कि उसने श्रेणी में सुधार का अनुरोध करते हुए कुछ आवेदन दाखिल किए। हालांकि अब तक उसके आवेदनों पर विचार नहीं किया गया है, इसलिए मौजूदा याचिका दायर की गई है, जिसमें प्रतिवादी को याची की उम्मीदवारी पर विचार करने के लिए परमादेश की मांग की गई है।

इस संबंध में आयोग के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि लिखित परीक्षा 28.11.2021 को आयोजित की गई थी और परिणाम 03.07.2022 को पहले ही घोषित किया जा चुका है। अतः याची ईडब्ल्यूएस श्रेणी से संबंधित है, यह प्रदर्शित करने या स्थापित करने के लिए उसने पूर्व में कोई दस्तावेज संलग्न नहीं किया गया है, अन्यथा इस स्तर पर याची के अनुरोध पर विचार नहीं किया जा सकता है। विशेष रूप से जब चयन सूची को अंतिम रूप दिया जा चुका है।

याची के अधिवक्ता ने यह प्रस्तुत किया कि उसे इस याचिका को वापस लेने की अनुमति दी जा सकती है, जिससे चयन सूची को चुनौती देने या ईडब्ल्यूएस से संबंधित व्यक्ति के रूप में उसकी कथित उम्मीदवारी के आधार पर कोई अन्य राहत प्रदान करने के लिए उपयुक्त प्रार्थनाओं के साथ एक नई याचिका दायर की जा सके।

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