बरेली: आग की घटनाओं से निपटने को 'फायर ब्रिगेड' तैयार, CFO ने बताए संसाधन और प्लान
बरेली, अमृत विचार। हर साल गर्मी बढ़ते ही आग लगने की घटनाओं में भी इजाफा हो जाता है। जिनसे निपटने के लिए बरेली में फायर डिपार्टमेंट के अधिकारी और कर्मचारी पूरी तरह से तैयार हैं। जिसको लेकर चीफ फायर ऑफिसर के नेतृत्व में विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने पहले से ही कमर कस ली है।
कई बार देखा गया है कि बस्ती के बीच छोटी संकरी गलियों में फायर ब्रिगेड की गाड़ियां नहीं पहुंच पाती हैं, ऐसे में राहत बचाव कार्य को अंजाम देने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। लेकिन अब इससे निपटने के लिए छोटे और दोपहिया वाहनों को राहत-बचाव के लिए तैयार किया गया है। जो संकरी गलियों में बखूबी आग पर काबू पाने और उसमें फंसने वाले लोगों को बचाने में अपना योगदान देंगे।
वहीं विभाग के कार्यालय की तरफ से उन प्वॉइंट्स को भी चिह्नित किया गया है, जहां वाहन पहुंचने में दिक्कतें पेश आती हैं। ऐसे में दूसरे मार्गों से पहुंचने का रोडमैप तैयार किया गया है। जिससे किसी भी समय आपात की स्थित पर काबू पाया जा सके। इसको लेकर बरेली के चीफ फायर ऑफिसर चंद्र मोहन शर्मा ने बताया कि जून की शुरुआत से ही गर्मी अपने चरम पर है। ऐसे में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ जाती हैं। जिनसे निपटने के लिए उनकी पूरी तैयारियां हैं।
सीएफओ ने बताया कि उनके पास जनपद में सभी तहसील स्तर पर एक-एक फायर स्टेशन स्थापित हैं। वहीं शहर में लोड को देखते हुए सिविल लाइंस में फायर स्टेशन के अलावा सीबीगंज में भी एक फायर स्टेशन लगातार अपनी सेवाएं दे रहा है। सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा के मुताबिक उनके पास कुल 169 फायर फाइटर्स का स्टाफ है। जिसे जनपद के सभी सातों फायर स्टेशनों पर तैनात किया गया है। उनका यह स्टाफ चौबीस घंटे तत्पर रहता है।
उन्होंने बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए उनके पास 'स्किल्ड फायर फाइटर्स' मौजूद हैं। जबकि उनके पास छोटे-बड़े मिलाकर कुल 23 वाहन मौजूद हैं, जो फायर ब्रिगेड का कार्य करते हैं। जिनमें शहर की तंग गलियों में आग बुझाने के लिए बाइक फायर ब्रिगेड अपनी मौजूदगी दर्ज कराती हैं। इसके साथ ही जिन स्थानों पर फायर ब्रिगेड के बड़ी गाड़िया नहीं जा सकती हैं, उन स्थानों के लिए छोटे और दोपहिया वाहनों की तैनाती की गई है। सीएफओ के मुताबिक उनकी फायर बिग्रेड की गाड़ियों को जिले में 68 स्थानों से पानी की सप्लाई मिलती है। इसके साथ ही कुछ बड़े संस्थान भी पानी की व्यवस्था कराते हैं।
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