अयोध्या : प्राचीन स्मारकों के रखरखाव पर खर्च होंगे 34.55 लाख से ज्यादा

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Published By Pradumn Upadhyay
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अमृत विचार, अयोध्या । पुरातात्विक महत्व के संरक्षित स्मारकों और भवनों के रखरखाव के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय की ओर से अयोध्या स्थित उप सर्किल को 34.55 लाख से ज्यादा का बजट आवंटित किया है। इस बजट से स्मारकों आदि की साफ़-सफाई के अलावा छोटे-मोटे निर्माण तथा विद्युत् संबंधी कार्य कराया जाएगा। एजेंसी के चयन के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्यालय के लखनऊ सर्किल ने टेंडर जारी किया है।

गौरतलब है कि कभी नवाबों की राजधानी रही फ़ैजाबाद में शासकों की ओर से विभिन्न स्मारकों, भवनों और पार्कों आदि का निर्माण कराया गया है। मुगल वास्तुकला से जुड़े इन ऐतिहासिक स्मारकों आदि को सरकार की ओर से संरक्षित घोषित किया गया है और इसके देख-रेख तथा संरक्षण की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के उपक्षेत्र कार्यालय को सौंपी है।

उपक्षेत्र कार्यालय अयोध्या के पास जिले की संरक्षित इमारतों व स्मारकों गुलाबबाड़ी, शुजाउदौला का मकबरा, बहु बेगम का मकबरा, हाजी इकबाल का मकबरा, रामनगरी स्थित मणि पर्वत, कुबेर पर्वत और सुग्रीव पर्वत के साथ रायबरेली जनपद स्थित प्राचीन शिव मंदिर व मंदिर से से सटे राजा मउ के प्लाट के संरक्षण की जिमेदारी है। पुरातात्विक इमारतों के संरक्षण के लिए सरकार की ओर से तमाम प्राविधान किये गए हैं और स्मारकों के 100 मीटर परिधि में कोई निर्माण प्रतिबंधित किया गया है।

इस बाबत भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण उपक्षेत्र कार्यालय अयोध्या के प्रभारी पवन कुमार गुप्ता का पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन रायबरेली क्षेत्र के दौरे और मोबाइल स्विच आफ होने के चलते उनसे बात नहीं हो पाई। वहीं कार्यालय के कर्मियों का कहना है कि एजेंसी का चयन सर्किल कार्यालय लखनऊ से किया जाता है। रखरखाव के लिए टेंडर जारी हुआ है।

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