देवरिया प्लॉट विवाद में घिरे पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार, चलती ट्रेन से उतारकर ले गई पुलिस
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व आईपीएस अधिकारी एवं आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार हो गए हैं। मंगलवार देर रात पुलिस ने उन्हें शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से उस वक्त हिरासत में लिया, जब वह लखनऊ से दिल्ली जा रही ट्रेन में यात्रा कर रहे थे। लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर पुलिस के सहयोग से ठाकुर को पकड़ा है। करीब 26 साल पहले देवरिया में एक प्लॉट की खरीद-फरोख्त में फंसने पर ठाकुर के विरुद्ध ये कार्रवाई हुई है।
डीसीपी पश्चिमी विश्वजीत श्रीवास्तव ने अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। डीसीपी ने कहा कि, लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी संजय शर्मा ने अमिताभ ठाकुर के खिलाफ देवरिया में एक प्लॉट खरीदने के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। एसआईटी ने इस मामले की जांच की। पर्याप्त साक्ष्य होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया और देवरिया कोर्ट में पेश किया गया है।
बताते हैं कि अमिताभ ठाकुर लखनऊ-दिल्ली ट्रेन के जिस कोच में सफर कर रहे थे, पुलिस टीमें दोनों ओर से उसमें सवार हुईं। उस समय ठाकुर सो रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें जगाकर ट्रेन से नीचे उतारा। इस कार्रवाई से कुछ पल के लिए स्टेशन पर अफरातफरी जैसा माहौल बन गया। पुलिस रात में ही उन्हें शाहजहांपुर से लखनऊ लेकर पहुंची और यहां पूछताछ के बाद देवरिया भेज दिया गया।
बुधवार को पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ ने अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी के संबंध में एक प्रेस नोट जारी किया। इसके मुताबिक, संजय शर्मा ने लखनऊ के तालकटोरा थाने में एक शिकायत दी। जिसमें कहा कि "वर्ष 1999 में देवरिया में पुलिस अधीक्षक (एसपी) के पद पर तैनाती के दौरान अमिताभ ठाकुर ने कथित रूप से अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए जिला उद्योग केंद्र-देवरिया से औद्योगिक प्लॉट संख्या B-2 को अपनी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम पर आवंटित कराया।'' शिकायत पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। एसआईटी को इसकी जांच सौंपी गई। पुलिस के मुताबिक, जांच में आवश्यक साक्ष्य मिलने के बाद उनके विरुद्ध ये कार्रवाई की गई है।

सनद रहे कि अमिताभ ठाकुर को आईजी के पद पर रह चुके हैं। शासन ने उन्हें सेवा समाप्ति से पहले रिटायर कर दिया था। अमिताभ ठाकुर, आजाद अधिकार सेना पार्टी के अध्यक्ष हैं। उनकी पत्नी नूतन ठाकुर चर्चित सामाजिक कार्यकर्ता हैं। दोनो शासन प्रशासन की नीतियों के खिलाफ लगातार मुखर रहते हैं।
