मुरादाबाद : गंगा नदी में पानी छोड़े जाने से बढ़ी सतर्कता, कंट्रोल रूम से नदी तटों पर बनी बाढ़ चौकियों से ली जा रही रिपोर्ट
पहाड़ों पर बारिश से बढ़ा रामगंगा नदी का जलस्तर।
मुरादाबाद, अमृत विचार। मानसून की वर्षा की अटकलों के बीच गंगा नदी में पानी छोड़ा जाना शुरू हो गया है। पहले दिन हरिद्वार से करीब 32,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाते ही मुरादाबाद में सिंचाई विभाग सतर्क हो गया। कंट्रोल रूम से नदी तटों पर बनी बाढ़ चौकियों की निगरानी शुरू हो गई। हालांकि जिले में गंगा नदी का सीधा असर नहीं है। जबकि रामगंगा, कोसी और गागन नदी का जलस्तर क्षेत्र में काफी नीचे है। मानसून को देखते ही प्रशासनिक तैयारियां तेज कर दी गईं हैं।
हरिद्वार से गंगा नदी में पानी छोड़े जाने की सूचना के बाद से सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग की सतर्कता देखी गयी। मंडल मुख्यालय स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष से कर्मचारी नदी तटों का जल स्तर नोट करने लगे। मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, बृजघाट, नरौरा आदि क्षेत्रों की रीडिंग मुख्यालय भेजी गई। मौसम विज्ञान विभाग ने इन दिनों तेज वर्षा की संभावना जताई है। लेकिन, गुरुवार का दिन आंशिक वर्षा और भारी उमस के बीच गुजर गया। लोग बारिश के साथ नदियों के तट की ओर नजर लगाए देखे गए। किसान, खेतिहर और प्रशासनिक अधिकारी मौसम पर नजर रखे हैं ।
जिला आपदा प्रबंध प्राधिकरण के आपदा विशेषज्ञ पंकज मिश्र का कहना है कि बारिश होने से नदियों के जलस्तर में बढ़त होती है। फिलहाल मुरादाबाद में चिंता की स्थिति नहीं है। फिर भी स्थिति की निगरानी की जा रही है। जिले में 34 बाढ़ चौकियां सक्रिय है और 22 शेल्टर होम भी प्रशासन की ओर से चिह्नित कर प्रबंध किए गए हैं।
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