मुरादाबाद : जिलाधिकारी का आदेश हवा, पाकबड़ा में खतरा टालने के उपाय नहीं
लापरवाही : हाईवे पर डिवाइडर की ऊंचाई बढ़ाने को 75 लाख रुपये का एस्टीमेट बना दिखावा
मुरादाबाद, अमृत विचार। बरेली-मुरादाबाद हाईवे पर पाकबड़ा जीरो प्वाइंट से होटल रिजेंसी तक का करीब 600 मीटर का सफर खतरे वाला है। यहां डिवाइडर की ऊंचाई बढ़ाने की चर्चा को कई महीने हो गए हैं। लेकिन, अभी तक इसके लिए कोई उपाय प्रारंभ नहीं हुए हैं। जबकि यहां अक्सर हादसे होते हैं। कभी-कभी वाहन डिवाइडर पार कर विपरीत दिशा में चले जाते हैं और हादसों में कई लोगों की जान चली जाती है। डिवाइडर की ऊंचाई बढ़ाने का मामला दो बार जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी उठ चुका है।
पिछली बैठक में ही जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों से डिवाइडर की दो फिट और ऊंचाई बढ़ाने को कहा था लेकिन, अधिकारियों ने अनसुनी कर दी। इस बार 28 जून को फिर हुई जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में यही बात उठी। ये तो अधिकारियों के निर्देश-आदेश हैं, अनुपालन करना या न करना उनकी मनमर्जी है लेकिन, समस्या सफर करने वालों के लिए है। वाहन चालक थोड़ा सा चूका तो उसमें सवार लोगाें की जान खतर में पड़ जाती है।
यह बोले- साइट इंचार्ज
एनएचएआई मुरादाबाद डिवीजन के सहायक अभियंता गुरुविंदर सिंह और साइट इंजीनियर मोहम्मद नोमान बताते हैं कि संबंधित एजेंसी ने करीब 600 मीटर डिवाइडर की ऊंचाई बढ़ाने में 75 लाख रुपये के खर्च का आकलन कर एस्टीमेट बना दिया है। यह अधिक लागत वाला एस्टीमेट है। जिसे रिव्यू करने को कहा गया है।
खतरे वाले मार्ग से गुजरते हैं प्रदेश भर के वाहन
पाकबड़ा कस्बे में बरेली-मुरादाबाद हाईवे के दोनों ओर घनी आबादी बसी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लगभग सभी जिलों के वाहन लखनऊ और प्रयागराज के लिए इसी हाईवे से होकर आवागमन कर रहे हैं। स्थानीय वाहनों के साथ ही अन्य राज्यों के वाहनों का आवागमन अधिक रहता है। ऐसे में पाकबड़ा क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाएं अधिक होती हैं। पाकबड़ा हाईवे के दो स्थानों में ब्लैक स्पाॅट हैं। मेडिकल कालेज के सामने और जीरो प्वाइंट ब्लैक स्पाॅट है।
पाकबड़ा जीरो प्वाइंट से होटल रिजेंसी तक हाईवे के दोनों तरफ से रेलिंग लगाएंगे। मानकों के हिसाब से एस्टीमेट बना रहे हैं, लोहे की रेलिंग लगाने की योजना है। -अनुज जैन, परियोजना निदेशक
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