भाजपा मेरे पिता और चचेरे भाई से है ‘परेशान’ : सुप्रिया सुले 

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Published By Om Parkash chaubey
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मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनके पिता शरद पवार और चचेरे भाई अजित पवार से ‘परेशान’ है। उनकी यह टिप्पणी महाराष्ट्र में 2019 में अल्पकालिक सरकार के गठन को लेकर दोनों दलों के बीच चल रहे वाकयुद्ध की पृष्ठभूमि में आई है।

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बारामती से लोकसभा सदस्य सुले ने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि उसके पास देश या राज्य के लिए कोई दृष्टिकोण नहीं है। सुले जन्मदिन की बधाई देने आए पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं।

उन्होंने कहा, ''मुझे इस बात की खुशी है कि केंद्र और राज्य की राजनीति मेरे पिता और भाई (राकांपा नेता अजित पवार) के इर्दगिर्द घूमती है। भाजपा उनसे इतनी परेशान है कि उसके पास देश और राज्य के विकास के लिए कोई दृष्टिकोण तैयार करने का समय नहीं है। वे महंगाई कैसे कम करेंगे और रोजगार कैसे पैदा करेंगे?"

सुले से नवंबर 2019 की अल्पकालिक भाजपा-अजित पवार सरकार को लेकर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राकांपा के बीच हो रहे वाकयुद्ध के बारे में सवाल किए गए थे। उन्होंने कहा कि फडणवीस के पास महंगाई कम करने या महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उपाय करने का समय नहीं है। फडणवीस के पास वित्त और गृह विभाग भी है।

सुले ने कहा, ‘‘वह (फडणवीस) उन मुद्दों पर ही बोलना चाहते हैं जो वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिक नहीं रह गए हैं। वह पीछे लौटकर, सुबह-सुबह शपथ ग्रहण और ‘गॉसिप’ के बारे में बोलना चाहते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। च्यूइंग गम का स्वाद शुरु में अच्छा होता है लेकिन बाद में वह बेस्वाद हो जाता है।"

सुले ने कहा कि एकनाथ शिंदे नीत सरकार राज्य में सुशासन मुहैया कराने के अलावा सब कुछ कर रही है। उल्लेखनीय है कि 30 जून को शिंदे-भाजपा सरकार का एक साल पूरा हो गया। सुले ने कहा, "जब तक शरद पवार को निशाना नहीं बनाया जाता, कोई खबर ही नहीं होती है।"

उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने हाल ही में दावा किया था कि पवार 2019 में भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए सहमत हुए थे लेकिन फिर वह पीछे हट गए। इस पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि भाजपा और सत्ता के प्रति उसकी लालसा को उजागर करने के लिए 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद "कुछ चीजें की गई थीं।" नवंबर 2019 में राजभवन में सुबह फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की और अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी लेकिन उनकी सरकार 80 घंटे में ही समाप्त हो गई थी।

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