नैनीताल: शत्रु संपत्ति में अवैध रूप से रह रहे लोगों पर चलेगा प्रशासन का डंडा
नैनीताल, अमृत विचार। मेट्रोपोल क्षेत्र में शत्रु संपत्ति पर हुए अतिक्रमण पर 12 जुलाई से जिला प्रशासन की बड़ी कार्रवाई होने जा रही है। जिला प्रशासन ने 134 से अधिक अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर जल्द से जल्द अपना अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं।
शत्रु संपत्ति में हुए अतिक्रमण को हटाने को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता नितिन कार्की ने पूर्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। इसके बाद अब प्रशासन अतिक्रमणकारियों पर कार्यवाही करने जा रहा है। एसडीएम राहुल शाह ने बताया कि मेट्रोपोल क्षेत्र में करीब 22 हजार 500 वर्ग मीटर में शत्रु संपत्ति है जिसमें से करीब 99 करोड़ की 11 हजार 400 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण कर लिया गया है।
अतिक्रमण कार्यों को बीते लंबे समय से शत्रु संपत्ति से कब्जा खाली करने के नोटिस जारी किए थे। लेकिन इसके बावजूद किसी ने अब तक अतिक्रमण खाली नहीं किया है। इस पर अब जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। अतिक्रमणकारियों को 15 दिन का समय दिया गया था जो अब पूरा हो चुका है। प्रशासन ने सभी अतिक्रमणकारियों को दोबारा रिमाइंडर भेज कर जुलाई दूसरे सप्ताह में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
क्या होती है शत्रु संपत्ति
15 अगस्त 1947 में भारत पाकिस्तान के अलग होने, 1962 में चीन, 1965 और 1971 भारत पाकिस्तान युद्ध के बाद भारत छोड़कर पाकिस्तान या चीन चले गए नागरिकों को भारत सरकार शत्रु मानती है। भारत सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया था जिसके तहत शत्रु संपत्ति की देखरेख एक कस्टोडियन को दी गई। केंद्र सरकार में इसके लिए कस्टोडियन ऑफ एनिमी प्रॉपर्टी विभाग भी है जिसे शत्रु संपत्तियों को अधिग्रहित करने का अधिकार है।
