तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तारी से राहत, SC ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

Amrit Vichar Network
Published By Vishal Singh
On

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शनिवार देर रात सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा प्रदान करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय के उस आदेश पर एक सप्ताह के लिए रोक लगा दी, जिसमें नियमित जमानत के लिए उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी और गोधरा दंगा मामले के बाद 2002 में निर्दोष लोगों को कथित तौर पर फंसाने के लिए सबूत गढ़ने के आरोप में उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था।

देर रात की विशेष सुनवाई में न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए सीतलवाड़ को समय नहीं देने पर सवाल उठाया और कहा कि एक सामान्य अपराधी भी कुछ अंतरिम राहत का हकदार होता है। सीतलवाड़ को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने पर दो न्यायाधीशों की अवकाशकालीन पीठ के मतभेद के बाद तीन न्यायाधीशों की पीठ ने विशेष बैठक में मामले की सुनवाई की।

पीठ ने कहा, ‘‘इस विशेष अनुमति याचिका पर कुछ समय तक सुनवाई करने के बाद, हम अंतरिम राहत के निवेदन पर निर्णय लेते समय सहमत होने में असमर्थ हैं। इसलिए, उचित होगा अगर भारत के माननीय प्रधान न्यायाधीश के आदेशों के तहत, यह याचिका उपयुक्त बड़ी पीठ के समक्ष रखी जाए।’’

न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की दो न्यायाधीशों की पीठ ने शाम में कहा, ‘‘रजिस्ट्रार (न्यायिक) को यह आदेश तुरंत माननीय प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखने का निर्देश दिया जाता है।’’ गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा नियमित जमानत याचिका खारिज किए जाने के तुरंत बाद सीतलवाड़ ने राहत के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया था।

न्यायमूर्ति निर्झर देसाई ने सीतलवाड़ को तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था, जो पिछले साल सितंबर में शीर्ष अदालत से अंतरिम जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर हैं। उच्चतम न्यायालय गर्मी की छुट्टियों के कारण बंद है और सोमवार को फिर से खुलेगा।

ये भी पढ़ें- गुजरात हाईकोर्ट ने की सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज 

संबंधित समाचार