रामपुर : 22 वर्षीय युवा वैज्ञानिक अभिषेक चौधरी ने कर दिए 14 बड़े अविष्कार
प्रशासन की नजर अंदाजी से दम तोड़ रही युवा वैज्ञानिक की प्रतिभा, डीएम से भी लगा चुके गुहार...राजनीति का हो रहे शिकार
किए गए अविष्कारों की जानकारी देते अभिषेक चौधरी।
आकाश शंकर, शाहबाद। चंद्रयान लैंडर, बार्डर सिक्योरिटी मशीन फोर्स जैसे सरीखे वर्किंग मॉडल्स तैयार कर सुर्खियों में रहा शाहबाद का युवा वैज्ञानिक इन दिनों हौसला खो रहा है। शासन-प्रशासन की उपेक्षा उसके हुनर पर भारी पड़ रही है।
तहसील क्षेत्र के गांव दनियापुर से ताल्लुक रखने वाले 22 वर्षीय अभिषेक चौधरी वर्ष 2011 से आविष्कार कर रहे हैं। अभिषेक के पिता किसान हैं। अभिषेक का दावा है कि वर्तमान में उनके पास लगभग 200 ऐसे आईडिया हैं, जिन पर अविष्कार किए जाएं तो वह विश्व में देश का नाम रोशन कर सकते हैं। वे अभी तक 14 अविष्कार कर चुके हैं। उनका कहना है कि नेताओं को युवाओं से वोट की तो उम्मीद है, लेकिन युवाओं की प्रतिभा से कोई सरोकार नहीं। अपनी राजनीति के चक्कर में यहां युवकों की प्रतिभा को दबा दिया जाता है। कुछ समय पहले अभिषेक ने डीएम से गुहार लगाई थी कि उसे आविष्कार पूरे करने के लिए सरकार से मदद की जरूरत है, लेकिन उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
11 साल की उम्र में किया पहला आविष्कार
अभिषेक को बचपन से ही कुछ अलग करने की धुन सवार रहती थी। अभिषेक ने 11 साल की उम्र में पहला आविष्कार कॉल स्टाटर का किया था। यह यंत्र किसानों के लिए सबसे अधिक लाभकारी साबित हुआ। इस यंत्र से किसान खेत पर लगे ट्यूबवेल को अपने घर से ही चालू या बंद कर सकता है। इसके बाद अभिषेक ने एक कई अविष्कार किए, लेकिन अब जाकर उनकी प्रतिभा दम तोड़ रही है।
अभिषेक द्वारा बनाए गए वर्किंग मॉडल पर एक नजर
1- ऑटो फ्युजर मशीन- उपकरण का फ्यूज उड़ने पर खुद ही दोबारा जुड़ जाएगा।
2- क्लेपिंग बल्ब- ताली बजाने पर बल्ब जलेगा और बुझेगा।
3- आज्ञाकारी बल्ब- आवाज पर बल्ब जलेगा और बुझेगा।
4- पीएडीआई मशीन ( प्युपिल एक्टीविटी डिटेक्ट इंफार्मर)- सुरक्षाकर्मी रहित स्थान पर हलचल होने पर 15 सेकेंड में मैसेज मोबाइल पर भेज देगी।
5- डब्ल्यूएपीसी मशीन (वाटर एंड एयर पॉल्यूशन कंट्रोलर)- इस मशीन के द्वारा हम इलाके में कृत्रिम बारिश और हवा को शुद्ध कर सकते हैं।
6- अत्याधुनिक डॉक्टर केबिन- कोरोना की पहली लहर में तैयार किया। मशीन खुद ही मरीज का बीपी और शुगर रिकार्ड करेगी। मुरादाबाद के निजी अस्पताल में मशीन को स्थापित भी किया गया है।
बीएसएमएफ मशीन के अविष्कार के बाद मिल चुकी धमकियां
बीएसएमएफ (बार्डर सिक्योरिटी मशीन फोर्स) मशीन लगभग 30 हजार सैनिकों की क्षमता के बराबर काम कर सकती है। यह मशीन अचूक निशाना साधने में सक्षम है। सबसे खास बात, इसको चलाने के लिए किसी व्यक्ति की जरूरत नहीं है। यह मशीन स्वत: काम करने में सक्षम है, लेकिन कुछ समय बाद मशीन को लेकर अभिषेक को अंजान नंबरों से धमकियां आने लगी थी। हमारे साथ काम करो नहीं तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। इस मामले को लेकर अभिषेक ने तत्कालीन सीओ ओमकार और एसडीएम से शिकायत की थी।
मेरे लिए देश सर्वोपरि है, अगर मुझे सरकारी सहायता मिले तो देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण अविष्कार कर सकता हूं। लेकिन हमारे यहां वोट बैंक की राजनीति है। जिसके चलते यहां प्रतिभाओं को दबा दिया जाता है। मीडिया के माध्यम से सरकार से कहना चाहता हूं कि मेरे द्वारा किये गए अविष्कारों को व्यर्थ न जाने दिया जाए। मुझे देश के लिए आविष्कार करने व देश को एक नई ताकत प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा एक मौका प्रदान किया जाए। - अभिषेक चौधरी, युवा अविष्कारक।
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