America के स्कूलों में पढ़ाई जाएगी हिंदी, जो बाइडेन को प्रस्ताव सौंपा...जानिए किन-किन देशों में पढ़ाई जाती है Hindi
वाशिंगटन। अमेरिकी स्कूलों में जल्द ही हिंदी भाषा पढ़ाई जाने की संभावना है। अमेरिका में सत्ताधारी पार्टी के संगठन एशिया सोसाइटी (एएस) और इंडियन अमेरिकन इम्पैक्ट (आईएआई) के 100 से ज्यादा प्रतिनिधियों ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को इस बारे में प्रस्ताव सौंपा है। इसमें 816 करोड़ रुपए के फंड से एक हजार स्कूलों में हिंदी की पढ़ाई शुरू होगी।
रिपोर्ट्स की मानें तो इस प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल जाएगी, क्योंकि बाइडेन प्रशासन का रुख भारत के प्रति सकारात्मक है। इसके अलावा अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतवंशी मतदाता हैं, ऐसे में हिन्दी की पढ़ाई शुरू करने से आगामी राष्ट्रपति चुनाव में भी डेमोक्रेटिक पार्टी को फायदा मिल सकता है।
अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई तो अगले साल सितंबर से अमेरिकी स्कूलों में हिंदी भाषा की पढ़ाई शुरू हो सकती है। इसके लिए एएस और आईएआई दोनों ने शिक्षकों की व्यवस्था करने और पाठ्यक्रम तैयार करने में मदद करने का वादा किया है। आपको बता दें कि अमेरिका में, अंग्रेजी के बाद स्पेनिश को दूसरी भाषा के रूप में व्यापक रूप से पढ़ाया जाता है। हालांकि, अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो यहां हिंदी का विकल्प भी उपलब्ध होगा। अमेरिका में, कई माध्यमिक विद्यालयों में हिंदी एक विकल्प है।
हालांकि अमेरिका में हाई स्कूल के स्तर पर हिन्दी कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। लेकिन इनकी पढ़ाई बेसिक लेवल पर होती है। साथ ही हाई स्कूल स्तर पर होने के कारण बच्चे इसे आसानी से सीख नहीं पाते है। ऐसे में प्राथमिक कक्षाओं से भी हिंदी की पढ़ाई करवाने से स्टूडेंट्स को फ़ायदा होगा।
अमेरिका में हाई स्कूल स्तर पर हिंदी पाठ्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। लेकिन इनकी पढ़ाई बुनियादी स्तर पर होती है। साथ ही हाई स्कूल स्तर पर होने के कारण बच्चे इसे आसानी से नहीं सीख पाते हैं। ऐसे में प्राइमरी कक्षाओं से भी हिंदी पढ़ाए जाने से बच्चों को फायदा होगा।
इन देशों में पढ़ाई जाती है हिंदी
बता दें कि वर्तमान में कई देशों में हिंदी पढ़ाई जा रही है। इनमें मॉरिशस, फिजी, जापान, इटली, नेपाल, दक्षिण अफ़्रीका, फिनलैंड समेत कई ऐसे देश शामिल हैं। इसके अलावा हाल ही में ब्रिटेन ने भी इसी शैक्षणिक सत्र से 1500 स्कूलों में हिन्दी भाषा की पढ़ाई शुरू करने का फ़ैसला किया है। इसके लिए वहां की सरकार ने दो करोड़ रुपए का बजट भी आवंटित किया है।
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