लखीमपुर-खीरी: पानी भरे गड्ढे में नहा रहे दो बच्चों की डूबकर मौत, परिवार में मचा कोहराम

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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लखीमपुर-खीरी, अमृत विचार। सदर कोतवाली क्षेत्र के गांव मूड़ाधामू में पानी की टंकी के लिए खोदे गए गड्ढे में नहाने गए दो बच्चों की डूबकर मौत हो गई। काफी देर तक बच्चे जब घर नहीं पहुंचे तो उनकी तलाश की गई। तलाश के दौरान पानी की टंकी के गड्ढे में दोनों के शव उतराते देखे गए। इससे परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं।

गांव मूड़ाधामू गांव के बाहर पानी की टंकी का गड्ढा काफी दिनों से खोदा पड़ा हुआ था। उसमें पानी भी भरा हुआ है। सोमवार को गांव निवासी सुभाष चंद्र की आठ वर्षीय बेटी नंदिनी अपने ममेरे भाई सचिन (08) पुत्र नकुल निवासी सकरी गली थाना तिलझाड़ी जिला साहबगंज झारखंड के साथ घर के बाहर खेल रही थी।

दोनों बच्चे खेलते खेलते गांव के बाहर पानी की टंकी के के लिए खोदे गए गड्ढे के पास पहुंच गए। उसमें पानी भरा देखकर दोनों बच्चे अपने कपड़े निकाल कर गड्ढे में नहाने के लिए चले गए। पानी अधिक होने के कारण दोनों की उसमें डूबने से मौत हो गई।

काफी देर तक बच्चे जब घर वालों को नहीं दिखाई  पड़े तो परिवार वालों ने पहले घर के पास पड़ोस में तलाश की, लेकिन बच्चों का कोई पता नहीं चला। इस पर परेशान परिवार वाले गांव के बाहर खोजबीन करते पहुंचे तो उनकी नजर पानी की टंकी के लिए खोदे गए गड्ढे के पास रखे कपड़ों पर पड़ी। जब वह लोग नजदीक पहुंचे तो देखा कि गड्ढे के अंदर दोनों बच्चों के शव उतरा रहे थे।

यह देख चीख पुकार मच गईं। बड़ी संख्या में ग्रामीण और रोते-बिलखते परिजन मौके पर पहुंच गए। दोनों बच्चों के शव देख उनमें चीख पुकार मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। प्रभारी निरीक्षक सदर चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। अभी कोई तहरीर नहीं मिली है। यदि तहरीर मिलती है तो जांच कर जो दोषी होगा। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

अफसरों की लापरवाही से गई दो मासूम बच्चों की जान
असमय काल कवलित हुये दो मासूम बच्चों की मौत से गांव मूड़ाधामू में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। ग्रामीण इस हादसे के लिए ग्राम प्रधान और अफसरों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार ग्राम प्रधान से गड्ढा पटवाने के लिए कहा गया, लेकिन ग्राम प्रधान और अफसरों ने कोई ध्यान नहीं दिया।

गांव मूड़ाधामू में काफी समय पहले पानी की टंकी के लिए बड़ा गड्ढा खोदा गया था, लेकिन गड्ढे की खुदाई करने के बाद उसे छोड़ दिया गया था। ग्रामीणों ने बताया कि उन लोगों ने हादसे की आशंका जताते हुए कई बार ग्राम प्रधान से गड्ढे को पटवाने या फिर निर्माण कार्य कराने की मांग की थी।

अफसरों को भी शिकायती पत्र देकर हादसे की आशंका जाहिर की थी, लेकिन बात ग्राम प्रधान ने नहीं सुनी। अफसरों ने भी अनसुनी कर दी। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी शिकायत पर ध्यान दिया गया होता और गढ्ढा पट गया होता तो आज ये बच्चे जिंदा होते।

ग्रामीणों ने हादसे के लिए ग्राम प्रधान और अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है। बच्चों की मौत से गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। हादसे से हर कोई दुखी है। बच्चों के परिवार के लोगों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। उनके घर पर चीख पुकार मची हुई है। आस पड़ोस की महिलाएं, पुरुष और रिश्तेदार बिलख रहे परिवार वालों को ढांढस बंधा रहे हैं। सीओ सिटी संदीप सिंह ने बताया कि हादसा काफी दुखद है। परिवार के लोग यदि कोई तहरीर देंगे तो जांच की जाएगी। हादसे के लिए जो जिम्मेदार होगा। उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।

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