बरेली: सोशल मीडिया से लगाव, परिवार में हो रहा बिखराव
पीलीभीत की महिला को पति ने दिया तीन तलाक, संजय नगर में रहने वाली महिला भी पति से हुई अलग
ओमेन्द्र सिंह, बरेली, अमृत विचार : रिश्तों में एक दूसरे के प्रति भरोसा बहुत जरूरी है, अगर इसमें शक और धोखा जगह बना ले तो परिवार को बिखरने में देर नहीं लगती। आज के दौर में सोशल मीडिया इस रिश्ते की नाजुक डोर को कमजोर कर रही है। इस वजह से परिवारों में बिखराव हो रहा है। कई तरह के चल रहे मोबाइल एप भी इसकी वजह बन रहे हैं।
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ऐसे दो मामले सामने आए हैं। एक मामले में युवक ने पत्नी को तीन तलाक दे दिया तो दूसरे मामले में पत्नी को घर से निकाल दिया गया। वहीं, इसी तरह के मामले पारिवारिक परामर्श केंद्र में भी पहुंच रहे हैं।
केस-एक: पीलीभीत जिले के एक गांव में रहने वाली महिला ने बताया कि उसने मोबाइल में एक एप डाउनलोड किया। एप के माध्यम से उसकी बातचीत धौरेरा माफी निवासी एक युवक से होने लगी। अक्टूबर में उसकी बात शुरू हुई थी। एक दिन रात में महिला के पति ने उसे बातचीत करते हुए देख लिया। पति ने उसे तीन तलाक दे दिया।
वहीं, प्रेमी ने निकाह का झांसा देकर उससे 3.50 लाख रुपये ले लिए और बाद में धोखा दे दिया। पीड़िता ने बताया कि उसने थाना बारादरी में आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है, लेकिन दो माह बाद भी पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है।
केस- दो: संजयनगर में रहने वाली एक महिला ने बताया कि वह एक एप के माध्यम से एक युवक से वीडियो चैटिंग कर रही थी, उसके पति को नहीं पता था। करीब दो माह पहले पति ने उसे वीडियो चैट करते देख लिया। शक होने पर एक दिन उसने मोबाइल खंगाला तो कई आपत्तिजनक फोटो मिले।
पति ने उसे घर से निकाल दिया। वहीं, मायके वालों ने भी उससे नाता तोड़ लिया। अब वह एक प्राइवेट कंपनी में काम कर रही है। महिला ने बताया कि उसने माफी मांगी, मगर पति ने माफ नहीं किया। एप के माध्यम से बने प्रेमी युवक ने भी शादी करने से इनकार कर दिया।
परिवार परामर्श केंद्र में पहुंचे कई मामले: पिछले छह माह में पुलिस के परिवार परामर्श केंद्र में करीब 70 ऐसे मामले पहुंचे हैं, जिनमें मोबाइल का अधिक प्रयोग बिखराव की वजह बना है। पुलिस के अनुसार थानों में आए दिन ऐसे मामले पहुंचते हैं, जिनमें पति पत्नी के बीच विवाद और तनाव की वजह मोबाइल है।
पुलिस के अनुसार कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें महिलाएं मायके वालों से अधिक बात करती हैं। बाद में यहीं से रिश्तों की डोर कमजोर होने लगती है और थानों में दहेज एक्ट के मुकदमों तक बात पहुंच जाती है।
मोबाइल से हो रही गलतफहमी: पुलिस के अनुसार मोबाइल परिवारों में दरार डाल रहा है। घर में मामूली विवाद होने पर अधिकांश महिलाएं मायके पक्ष के लोगों को सूचना दे देती हैं, जिससे छोटे विवाद भी बड़ा रूप ले लेते हैं। दहेज उत्पीड़न के साथ साथ पति पत्नी, सास बहू, ननद भाभी के विवाद थानों में पहुंच रहे हैं। साथ ही मोबाइल का अधिक प्रयोग भी शक और गलतफहमी पैदा कर रहा है।
पुलिस का प्रयास रहता है कि परिवार न टूटें। दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने की कोशिश की जाती है। समझाने पर कई रिश्ते दोबारा सही हो जाते हैं। जिन मामलों में सुलह नहीं होती उनमें पुलिस कार्रवाई करती है। -श्वेता कुमारी यादव, सीओ प्रथम
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