मुरादाबाद : 12 से अधिक गांवों में घुसा ढेला नदी का पानी, 20 हजार लोग प्रभावित...किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें
अब्दुल वाजिद, अमृत विचार। पहाड़ों पर लगातार हो रही भारी बारिश का असर मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है। जिले में ढेला नदी और गांगन नदी का जलस्तर बढ़ गया है। हालात ये हैं कि ढेला नदी का पानी विवेकानंद पुल से काशीपुर रोड पर इस्लाम नगर और काफियाबाद के पास सड़क के ऊपर से बह रहा है। रोड पर करीब 200 मीटर से अधिक हिस्से पर ढाई फीट तक नदी का पानी आने से यहां वाहन चालकों के साथ ही पैदल चलने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। काशीपुर लिंक रोड के आस-पास बसे 12 से अधिक गांवों में नदी का पानी घुसने से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। खेतों में भी दो से तीन फीट तक नदी का पानी जमा हो गया है।
भोजपुर के काफियाबाद, घोसीपुरा, खैय्या खद्दड़, शाहपुर गनीनगर, अक्का, मंसूमपुर, पीपलसाना, कोनी का मजरा, लालूवाला, त्रिलोकपुर, कोनी, इस्लामनगर समेत 12 से अधिक गांवों में ढेला नदी का पानी घुसने से करीब 20 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। मुरादाबाद - काशीपुर लिंक रोड पर इस्लाम नगर और काफियाबाद गांव के पास ढेला नदी रोड पर होकर बह रही है। जिसकी वजह इस रोड पर आवागमन भी ठप हो गया है। राहगीर गांव के एक छोर से दूसरे छोर जाने के लिए वैकल्पिक बेलगाड़ी और ट्रेक्टर-ट्राली का इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारी बारिश के बाद किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं। किसानों की खेतों में तैयार खड़ी हजारों एकड़ फसल पानी में डूब गई है। पीड़ित किसानों का कहना है कि वे पशुओं के लिए चारा तक नहीं ला पा रहे हैं। इनमें से कुछ गांवों में पानी शुक्रवार को देर रात आया है, जबकि कुछ गांवों में दिन में ही पानी आ गया था। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में हमेशा ही बरसात के मौसम में ढेला नदी का पानी सड़क के ऊपर से बहता है।
आपको बता दें कि यहां पिछले 15 सालों से भी अधिक समय से पुल बनाने की मांग हो रही है। लेकिन, कई बार ज्ञापन देने और प्रदर्शन करने के बाद भी आजतक किसी भी पार्टी के नेता ने यहां पुल बनवाने के लिए ध्यान नहीं दिया है। उत्तराखंड में पहाड़ों पर हो रही बारिश के बाद अब मैदानी इलाकों में भी मॉनसून पहुंचने के बाद नदियां उफान पर आ गई हैं। अगर इसी तरह बारिश होती रही तो पश्चिम उत्तर प्रदेश के मैदानी इलाकों में नदियों का जलस्तर कितना बढ़ जाएगा कि नदी किनारे बनी हुई कॉलोनियों में भी पानी भर जाएगा। वर्ष 2010 में भी पहाड़ों में हुई भारी बारिश का असर मुरादाबाद की कई पॉश कॉलोनियों में देखने को मिला था। मुरादाबाद की रामगंगा विहार, जिगर कॉलोनी, सिविल लाइंस सहित दर्जनों कालोनियों कई दिन तक नदी के पानी में डूब गई थी।
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