बरेली: श्रावण मास के पहले सोमवार को मंदिरों में गूंजे भोलेनाथ के जयकारे, शिवमय हुई नाथनगरी

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। पवित्र श्रावण मास के पहले सोमवार के दिन मंदिरों में भक्तों का सैलाब आ गया। भगवान शिव के जयकारे से बरेली शहर शिवमय  हो गया। वहीं हरिद्वार व कछला से कांवड़ लाने वाले भारी संख्या में सड़कों पर देखे गए। शहर के प्रसिद्ध मंदिरों समेत सभी शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार लगी हुई थी। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए लोक बेल पत्री, धतूरा, दुग्ध व जल आदि से अभिषेक करते हुए नजर आए।

मंदिरों पर सुबह 4 बजे से ही लोगों की लाइन लग गई। वहीं लाइन को संभालते हुए मंदिर के सेवादार, सेल्फ डिफेंस की टीम व पुलिस को देखा गया। बाबा अलखनाथ मंदिर के महंत बाबा कालूगिरी महाराज ने बताया सुबह 4 बजे से मंदिर में बाबा के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है। ओम नमः शिवाय के जाप के साथ लोग लाइन में लगे अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। 

बाबा अलखनाथ मंदिर बहुत ही प्राचीन है। बरेली नगरी के बसने से पहले का मंदिर का अस्तित्व है। बरगद के पेड़ में  स्वयंभू भगवान शंकर का शिवलिंग है। जो सच्चे मन से मुरादे मांगता है उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। शहर के कैंट स्थित धोपेश्वर नाथ मंदिर में भी सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखी गई। मंदिर के पुजारी हरीश उपाध्यक्ष ने बताया सुबह से नजारा देखने लायक है। दूर दराज से भक्त बाबा के दर्शन करने आ रहे हैं। मंदिर की मान्यता ये है कि मंदिर महाभारत काल के समय का है पांडवों ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था।

हरिद्वार कछला घाट और गढ़मुक्तेश्वर से आ रहे कांवड़ लेकर
सावन से पहले सोमवार पर शिव को जल जलाभिषेक करने के लिए हरिद्वार कछला व गढ़मुक्तेश्वर से कांवड़िए कांवड़ लेकर आ रहे हैं। शिवभक्त भगवान के गानों पर झूमते हुए राह की दिक्कतों व परेशानी को भूलकर लंबा सफर तय कर मंदिर आ रहे हैं। सावन के पहले सोमवार को सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजामात किए गए हैं। अलखनाथ, वनखंडी नाथ, पशुपति नाथ ,धोपेश्वर नाथ, मणीनाथ मंदिरों में सेल्फ डिफेंस स्काउड गाइड आदि की टीम व्यवस्था को संभालती नजर आई।

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