मुरादाबाद में रामगंगा नदी खतरे के निशान से सिर्फ 82 सेंटीमीटर दूर, किसान बोले- पुल टूटने से बढ़ी परेशानी...नाव का ले रहे सहारा
रामगंगा नदी का जलस्तर 189.78 मीटर तो गागन का 189.25 मीटर दर्ज किया गया,
मुरादाबाद,अमृत विचार। मुरादाबाद में रामगंगा नदी खतरे के निशान से सिर्फ 82 सेंटीमीटर दूर है। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में बारिश होने से नदियां उफान पर है। बुधवार को रामगंगा का जलस्तर 189.78 मीटर और गागन का जलस्तर 189.25 मीटर रहा। जिससे नदी के तटीय किनारे वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी पार खेती करने के लिए किसानों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। बंगला गांव, दससराय घाट, नवाबपुरा, वारसीनगर और जामा मस्जिद के लोग सहमे हैं। जलस्तर बढ़ने पर पानी मोहल्लों तक आने की संभावना है।
पहाड़ी इलाकों में झमाझम बारिश हो रही है। इसके साथ ही मैदान क्षेत्रों में भी बदरा खूब बरस रहे हैं। जिसका असर नदियों के जलस्तर पर पड़ रहा है। महानगर के पास से गुजरने वाली दोनों नदियों में काफी जल चल रहा है। इससे नदी के पार वाले खेतों में पानी भी भर गया है। इससे किसानों को परेशानी हो रही है। जिला आपदा विशेषज्ञ पंकज मिश्रा ने बताया कि बारिश से नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन अभी खतरे वाली बात नहीं है।

रामगंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से खेती करने में परेशानी आ रही है। नदी पार 10 बीघा जमीन है। जो अभी जमीन खाली पड़ी है। पार जाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। लकड़ी का जो पुल बना था, वह पानी बढ़ने पर टूट गया।-बिजेंद्र सिंह, पीएससी तिराहा
रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का डर सताने लगता है। अगर पानी बढ़ा तो गलियों में आ जाएगा। जिससे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन अभी पानी दूर है। नदी के उस पार 12 बीघा जमीन है। जिसमें तुरई की फसल बोई है। बारिश से उसे भी नुकसान पहुंचा है। आने जाने में दिक्कत हो रही है।-बॉबी, बंगला गांव
बैलगाड़ी से नदी के पार जाना पड़ रहा है। पशुओं के लिए चारा वहीं से ला रहे हैं। अगर नाव से लाते हैं तो 100 रुपये किराया लिया जाता है। जान जोखिम में डालकर किसान बैलगाड़ी से पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था कर रहे हैं। प्रशासन को यहां पर स्थाई पुल की व्यवस्था करनी चाहिए।-फैसल, चक्कर की मिलक
काफियाबाद समेत आधा दर्जन गांवों में धान की फसल बाढ़ से खराब
मुरादाबाद। गांव काफियाबाद, सलेमसराय समेत आधा दर्जन गांवों के खेतों में भरा बाढ़ का पानी कम होने लगा है। लेकिन, ग्रामीणों की समस्याएं बरकरार हैं। खेतों में पानी भरने से धान की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। सदर तहसील क्षेत्र के गांव काफियाबाद में बुधवार को चौथे दिन भी खेतों में पानी भरा रहा, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पहले की अपेक्षा कम हुआ है। इस्लामनगर-पीपलसाना मार्ग पर भी पानी के बहाव में कमी आई है। खेतों में पानी भरा रहने से किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पशुओं के लिए भी चारे की समस्या खड़ी हो रही है। पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में हो रही बारिश का असर नदियों के जलस्तर पर दिखाई दे रहा है। गांव काफियाबाद के जंगल में ढेला और रामगंगा नदी का पानी भर गया। जिससे किसानों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
हर साल ही बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है
घोसीपुरा, अक्का, खैय्या खादर के ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ के पानी से फसलों को बहुत नुकसान हो रहा है। जिन फसलों को नुकसान हुआ है, उनका मुआवजा भी मिलना चाहिए। हर साल ही बाढ़ की समस्या का सामना करना पड़ता है। किसान मनोज कुमार, वीर सिंह, सोमपाल सिंह, लटूर सिंह ने बताया कि हर साल बाढ़ का पानी परेशान करता है। ग्राम काफियाबाद के प्रधान के पति गोपाल कहते हैं कि बुधवार को खेतों से पानी कुछ कम हुआ है, लेकिन अभी पूरी तरह से राहत नहीं मिली है। एसडीएम मणि अरोरा का कहना है कि नदियों के जलस्तर की जानकारी स्थानीय लेखपालों और कंट्रोल रूम से ले रहे हैं। ऐतिहायत के तौर पर खाद्य सामग्री भेजी गई है। रामगंगा नदी के बढ़ते जलस्तर पर नजर रखी जा रही है। जिला आपदा विशेषज्ञ पंकज मिश्रा ने बताया कि बुधवार को मुरादाबाद तहसील में 18 मिलीमीटर, ठाकुरद्वारा में 5.2 मिलीमीटर, बिलारी में 59.0 मिलीमीटर और कांठ तहसील में 4.0 मिलीमीटर बारिश हुई। उन्होंने बताया कि मौसम विभाग के अनुसार 13 जुलाई को भी जनपद के कई हिस्सों में बारिश होने की संभावना है।
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