मुख्तार अंसारी पर गैंगस्टर मामले में फैसला टला, 27 जुलाई को होगी पेशी
गाजीपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार की पेशी के लिए भेजा वारंट
वाराणसी, अमृत विचार। अपराधी से नेता बने मुख्तार अंसारी के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर के मामले में शनिवार को फैसला नही आ सका। अदालत ने अगली तारीख 27 जुलाई की निर्धारित की है, और मुख़्तार को तालाब किया है। वारंट की कापी विवेचक बांदा जेल लेकर गए हैं, जहां मुख्तार अंसारी बंद है।
मुख्तार के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट दुर्गेश की अदालत में चल रहे गैंगस्टर के मामले में फैसले के लिए अदालत ने 15 जुलाई की तिथि निर्धारित की थी। गैंगस्टर का यह मामला कपिलदेव सिंह की हत्या को लेकर दर्ज कराया गया था। इस मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है। फैसले के लिए पत्रावली सुरक्षित रख ली गई थी। गाजीपुर जिले की एमपी-एमएलए कोर्ट में मुख्तार के खिलाफ दो मामले विचारधीन हैं। हालांकि पिछले नौ महीने में मुख्तार अंसारी के तीन मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने फैसला सुनाया है। इसमें से गैंगस्टर के दो मामले में मुख्तार को 10-10 साल की सजा और जुर्माना हुआ है।
मुहम्मदाबाद के बहुचर्चित मीर हसन के हत्या के प्रयास के मामले में मुख्तार को दोषमुक्त किया गया। 13 जून को करंडा थाना में कपिल देव सिंह हत्या को लेकर मुख्तार के खिलाफ दर्ज गैंगस्टर के मामले में आज फैसला आना था। गौरतलब है कि हाल ही में वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद और 1.20 लाख रूपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। वर्ष 2009 में करंडा के सबुआ निवासी कपिलदेव सिंह हत्याकांड और मुहम्मदाबाद के मीर हसन हत्या के प्रयास की साजिश के मामले को गैंगचार्ट में शामिल कर मुहम्मदाबाद पुलिस ने मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था। कपिलदेव सिंह हत्याकांड में मुख्तार पहले ही बरी हो चुका है। जबकि मीर हसन हत्या के प्रयास के मामले में भी 17 मई को बरी हो चुका है।
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