सरकार ने ‘बफर स्टॉक’ के लिए तीन लाख टन प्याज खरीदा, BARC के साथ किया जा रहा परीक्षण, जानें क्यों?

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Published By Vishal Singh
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नई दिल्ली। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में ‘बफर स्टॉक’ (भंडारण) के लिए 20 प्रतिशत अधिक यानी कुल तीन लाख टन प्याज खरीदा है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित सिंह ने रविवार को बताया कि सरकार प्याज को अधिक समय तक सुरक्षित रखने के लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) के साथ काम कर रही है। वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार ने बफर स्टॉक के लिए 2.51 लाख टन प्याज रखा था। बफर स्टॉक कम आपूर्ति वाले मौसम में कीमतों को काबू में रखने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत रखा जाता है। 

उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा, “त्योहारी सीजन में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने इस साल बफर स्टॉक में भारी बढ़ोतरी करते हुए तीन लाख टन प्याज खरीदा है। प्याज की कोई कमी नहीं है।” बफर स्टॉक के लिए खरीदा गया प्याज हाल ही में समाप्त हुए रबी सत्र का है। फिलहाल, खरीफ के प्याज की बुवाई चल रही है और अक्टूबर में इसकी आवक शुरू हो जाती है। 

सचिव ने कहा, “आमतौर पर, खुदरा बाजार में प्याज की कीमत 20 दिन के लिए या खरीफ फसल के बाजार में आने तक दबाव में रहती हैं। लेकिन इस बार ऐसी कोई समस्या नहीं होगी।” उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय प्याज के संरक्षण के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग और ‘बार्क’ के साथ प्रौद्योगिकी का भी परीक्षण कर रहा है। 

रोहित सिंह ने कहा, “प्रायोगिक तौर पर हम महाराष्ट्र के लासलगांव में कोबाल्ट-60 से गामा विकिरण के जरिये 150 टन प्याज संरक्षण का प्रयोग कर रहे हैं। इससे प्याज को अधिक समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।’’ सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 15 जुलाई को अखिल भारतीय स्तर पर प्याज का औसत खुदरा दाम 26.79 रुपये प्रति किलोग्राम था। इसका अधिकतम दाम 65 रुपये और न्यूनतम 10 रुपये प्रति किलोग्राम था। 

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