न्यूयॉर्क के संग्रहालय में प्रदर्शित की जाएंगी 60 भारतीय कलाकृतियां, तरणजीत सिंह संधू ने किया था प्रदर्शनी का उद्घाटन
न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क के द मेट्रोपॉलिटिन म्यूजियम ऑफ आर्ट (मेट) में भारत से लाई गई बौद्ध धर्म से जुड़ी 60 से अधिक प्राचीन कलाकृतियों को देश की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक विशेष प्रदर्शनी में प्रदर्शित किया जाएगा। यह प्रदर्शनी भारत सरकार और मेट के बीच एक सहयोगात्मक परियोजना है। प्रदर्शनी में 200 ईसा पूर्व से 400 ईस्वी के बीच बौद्ध कला की उत्पत्ति की कहानी दर्शाने वाली 140 से अधिक वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। प्रदर्शनी के लिए लगभग 62 वस्तुएं भारत से लाई गई हैं।
अमेरिका में भारतीय राजदूत तरणजीत सिंह संधू ने 17 जुलाई को प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था। हालांकि, लोगों के लिए यह प्रदर्शनी 21 जुलाई से खुलेगी और 13 नवंबर तक चलेगी। भारत से जो कलाकृतियां आई हैं, उसमें सबसे अधिक भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, दिल्ली के राष्ट्रीय संग्रहालय, तेलंगाना सरकार, आंध्र प्रदेश सरकार (अमरावती संग्रहालय), महाराष्ट्र सरकार (कोल्हापुर संग्रहालय) और बिहार सरकार (बिहार संग्रहालय) की ओर से प्रदान की गई हैं।
अन्य वस्तुएं इटली, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र के संग्रहालयों से ली गई हैं। प्रदर्शनी के उद्घाटन पर संधू ने कहा था कि यह आयोजन कई मायनों में विशेष है, भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होना इनमें सबसे अहम है। उन्होंने कहा कि भले ही एक आधुनिक राष्ट्र के रूप में भारत 75 वर्ष पुराना है, लेकिन यह एक प्राचीन सभ्यता है, जो हमारे वर्तमान का भी अहम हिस्सा है।
उन्होंने कहा, "हमारी प्राचीन विरासत का यह उत्सव बहुत विचारशील है।’’ संधू ने कहा कि बौद्ध धर्म भारत द्वारा दुनिया को दिए गए महानतम उपहारों में से एक है। उन्होंने कहा, ‘‘बौद्ध धर्म की उत्पत्ति 2500 साल से भी पहले भारत में हुई थी। आज यह 100 से अधिक देशों में प्रचलित है।’’ संधू ने कहा कि पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब अमेरिका की राजकीय यात्रा पर आए थे। उस समय अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने हरित साझेदारी, नवाचार, अंतरिक्ष सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने की घोषणा की थी।
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