महाराष्ट्र: भूस्खलन से 18 लोगों की मौत, तलाश और बचाव कार्य दूसरे दिन फिर शुरू 

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Published By Vishal Singh
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मुंबई। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के बचाव दलों ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के भूस्खलन प्रभावित इरशालवाड़ी गांव में मलबे से दो और शव बरामद किए, जिसके बाद मृतकों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि दोनों मृतक महिलाएं हैं। अधिकारी ने कहा कि एनडीआरएफ के दलों ने बीती रात अभियान रोक दिया था और आज बारिश के बीच सुबह साढ़े छह बजे उन्होंने पहाड़ी इलाके में स्थित भूस्खलन स्थल पर फिर से खोज व बचाव अभियान शुरू किया। स्थानीय ग्रामीण और मलबे के अंदर फंसे लोगों के रिश्तेदार बचाव दलों की सहायता कर रहे हैं। मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर तटीय जिले रायगढ़ में बुधवार रात पहाड़ी इलाके में स्थित आदिवासी गांव इरशालवाड़ी में भीषण भूस्खलन हुआ था। 

उन्होंने बताया कि इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो किसी शादी समारोह शामिल होने या धान रोपाई के काम से बाहर गए थे। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के कारण गांव के लगभग 50 घरों में से 17 तबाह हो गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने रायगढ़ पुलिस और प्रशासन की टीम के साथ दूसरे दिन बचाव कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा, एनडीआरएफ की कम से कम चार टीम आज सुबह घटना स्थल पर पहुंच गई और बचाव कार्य शुरू किया। 

ठाणे आपदा मोचन बल (टीडीआरएफ), स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, रायगढ़ पुलिस की टीम भी बचाव कार्य में जुटी हुई है। बचाव और खोज टीमों ने बृहस्पतिवार को 16 शव बरामद कर लिए और 21 लोगों को बचा लिया। उन्होंने कहा, 'मृतकों में एक से चार साल की उम्र के चार बच्चे और 70 साल का एक व्यक्ति शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि सात लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण खोज और बचावकर्मियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा इसीलिए क्योंकि दुर्गम इलाका होने के कारण वहां भारी उपकरण को ले जाना आसान नहीं है। अधिकारी ने बताया कि पहाड़ की चोटी पर भारी बारिश, कोहरा और तेज हवा के कारण भी खोज और बचाव कार्य में परेशानी हो रही है।

अधिकारियों ने बताया कि गांव तक पक्की सड़क नहीं होने से मिट्टी खोदने वाली मशीनों यहां तक ले जाना आसान नहीं है। इसीलिए श्रमिकों के मध्यम से ही खुदाई का काम किया जा रहा है। ज्ञात हो कि खराब मौसम के कारण बृहस्पतिवार को एनडीआरएफ को घटना स्थल पर खोज और बचाव अभियान रोकना पड़ा था। 

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