Mohammed Shami : क्या क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बढ़ेंगी मुश्किलें? पत्नी हसीन जहां बोलीं- न्याय मिलने तक न रुकूंगी न झुकूंगी

वर्ष 2023 से राहत मिलने का सिलसिला शुरू हो चुका है, देश में खोखला है महिला की मदद और सुरक्षा का दावा

Mohammed Shami : क्या क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बढ़ेंगी मुश्किलें? पत्नी हसीन जहां बोलीं- न्याय मिलने तक न रुकूंगी न झुकूंगी

आशुतोष मिश्र,अमृत विचार। मुझे न रुकना है न झुकना है। न्याय मिलने तक संघर्ष करती रहूंगी। वर्ष 2023 ने उम्मीद की किरण जगाई है। मुझे भरोसा है कि न्यायपालिका  का परिणाम मेरी जिंदगी की दिक्कत दूर करेगा। पांच साल से सामाजिक पीड़ा, निजी दिक्कत और परवरिश के लिए समय से जंग लड़ रहीं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की पत्नी हसीन जहां को इस बात का दृढ़ भरोसा है।
 

शनिवार को जोया नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार रहे शमीम अहमद के आवास पर अमृत विचार से बातचीत में हसीन जहां ने अपने संकल्पों की सिलसिलेवार चर्चा की। दहेज उत्पीड़न, घरेलू हिंसा, गुजर बसर के लिए आर्थिक मदद, साइबर क्राइम तथा चेक बाउंस संबंधी मुकदमों की चर्चा की। बताया कोर्ट में हमारी सुनवाई लंबित है। भरण पोषण प्रकरण में अपने पक्ष में निर्णय से वह उत्साहित हैं। पश्चिम बंगाल के अलीपुर कोर्ट की लड़ाई से अपने संकल्पों की चर्चा शुरू करती हैं।

पांच साल से न्याय की लड़ाई में दर-बदर हसीन जहां कहतीं हैं कि कागजों में जो दावे हैं, वह सच्चाई के घरातल पर नजदीक नहीं हैं। उन्हें हासिल करने में संघर्ष बहुत है। लेकिन, हम इस लड़ाई को भरोसे के साथ लड़ रहे हैं। न्याय मिलने तक हर चौखट पर जाऊंगी। वह कहती हैं कि सस्ता और सुलभ न्याय के दावों वाले इस दौर की लड़ाई में हमें कदम-कदम पर रुकावटों से लड़ना पड़ रहा है। 2019 में दाखिल याचिका चार साल तक जस की तस पड़ी रही। यह कहने में जितना आसान है, उतना ही सुनना और समझना कठिन है।

हसीन कहती हैं कि मई महीने में हमने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब एक माह में सुनवाई के आदेश हुए हैं। कोर्ट की कॉपी हमें प्राप्त हो गई है। अधिवक्ता के जरिए जल्द न्याय की फरियाद करेंगे। हसीन कहतीं हैं कि पांच साल से एक महिला अपने और बेटी के हक, गुजर बसर और जिंदगी के लिए लड़ रही है। यह कोई आसान बात नहीं है। महिला सुरक्षा और अधिकार की वकालत तो आसान है। मेरी पीड़ा को जिम्मेदार सभी लोग समझते तो कदाचित मेरा हौसला और बढ़ जाता। वह कहतीं हैं कि लाचार महिला आर्थिक और सामाजिक जंग लड़ रही है। तमाम दुनिया इसकी तमाशबीन है। लेकिन, मेरा भी प्रण है कि न्याय लेकर ही रहूंगी। घर से बेदखल करने के बाद साइबर अपराध की मदद से भी मेरे ऊपर जुल्म ढाए गए हैं। लेकिन मैं अब और हौसले के साथ अपनी लड़ाई लडूंगी। मुझे मालूम है कि आपराधिक सोच वालों से हमारी लड़ाई है।

अलीपुर सेशन कोर्ट में लंबित परिवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हसीन जहां की जरूरत का कोर्ट ने संज्ञान लिया है। अलीपुर सेशन जज को प्रकरण के निस्तारण के लिए एक माह का समय नियत कर दिया है। प्रतिवादी क्रिकेटर शमी अहमद के आवेदन पर वर्ष 2019 से रुकी सुनवाई पर कोर्ट ने हैरानी जताई है। इस मामले में हमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति मिल गयी है। अब अलीपुर के सेशन कोर्ट में पेटीशन दाखिल किया जाएगा- -नचिकेता वाजपेयी अधिवक्ता, हसीन जहां

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