Conjunctivitis : प्रयागराज में 80 प्रतिशत लोग आई फ्लू से संक्रमित, OPD में लग रही मरीजों की भीड़

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Published By Jagat Mishra
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प्रयागराज, अमृत विचार। 12 वर्षों के बाद एक बार फिर से अचानक आई फ्लू (कंजंक्टिवाइटिस) का संक्रमण जिले में तेजी से बढ़ने लगा है। आई फ्लू की चपेट में काफी संख्या में लोग आ रहे हैं। अस्पताल की ओपीडी में सुबह से ही आंखो की जांच कराने के लिए लोग पहुंच रहे है।  बड़े अस्पतालों की बात करें तो ओपीडी में आई फ्लू के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। तेज बहादुर सप्रू हॉस्पिटल, मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय, मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल समेत अन्य नेत्र अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी हद तक बढ़ गई है। अस्पतालों में इसके लिए अलर्ट भी नोटिस चस्पा की गई है। अस्पतालो में आई फ्लू से संक्रमित लोगों को बचाव की जानकारी भी दी जा रही है। इस परेशानी से बच्चे ज्यादा प्रभावित हैं।  

तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रुपेश गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में आने वाले 80 प्रतिशत मरीज आई फ्लू से संक्रमित हैं। उन्होंने बताया कि आई फ्लू् की समस्या करीब 12 वर्ष पहले हुयी थी। उस दौरान काफी बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुये थे। उन्होने बताया कि अगर आंख संबंधित परेशानी हो तो नेत्र रोग विशेषज्ञ से तत्काल सलाह लें। उन्होंने बताया कि आंखों को हाथों से न छुए। हाथों को साबुन से बार-बार धोये। एंटीबायोटिक दवा ले और नेत्र विशेषज्ञों से सलाह लें।

स्कूलों में बच्चों पर दिया जा रहा विशेष ध्यान
आई फ्लू  की समस्या बच्चों में ज्यादातर देखने को मिल रही है। इसको ध्यान में रखते हुए उनको चश्मा लगाकर स्कूल आने की सलाह दी जा रही है। संक्रमित बच्चों को स्कूल से अवकाश भी दिया जा रहा है।


आई फ्लू (कंजेक्टिवाइटिस) की पहचान
मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय के निदेशक व वरिष्ठ नेत्र रोगविशेषज्ञ डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि आई फ्लू का संक्रमण बच्चों में बहुत तेजी से फैल रहा है। आंख लाल होने के साथ, पलकों में सूजन और दर्द आ रहा है।  आंखों में खुजली होना, आंख से पानी गिरना पहचान बताई जा रही है।  इतना ही नहीं पलकों के अंदर पीलापन और आंखों मे चिपचिपापन इसकी पहचान है।

डॉक्टर बाहर से लिख रहे दवाएं
शहर के सरकारी नेत्र चिकित्सालय में ओपीडी में बैठने वाले डॉक्टर आई फ्लू से पीड़ित मरीजों को दवा उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं। मरीजों को सारी दवाईयां बाहर से खरीदनी पड़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि अस्पताल में आई फ्लू की दवा नहीं है। ऐसे में मरीजों को बाहर से दवाइयों को लेने में काफी परेशानियां हो रही है।

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