World Hepatitis Day: हेपेटाइटिस की समय पर जांच जरूरी- प्रोफेसर सुमित रूंगटा
लखनऊ , अमृत विचार। हेपेटाइटिस वायरल संक्रमणों का एक समूह है, जो मुख्य रूप से हमारे लिवर को प्रभावित करता है। हेपेटाइटिस अनेक प्रकार के होते हैं, ए, बी, सी, डी और ई। जो लिवर को अलग तरह से प्रभावित कर सकता है। यह जानकारी किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के गैस्ट्रोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर सुमित रूंगटा ने वर्ल्ड हेपेटाइटिस दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए दी है।
डॉ सुमित रुंगटा के मुताबिक यदि किसी भी व्यक्ति को अधिक थकान होना, स्किन का रंग पीला पड़ना, लंबे वक्त से पेट में दर्द, बार बार बुखार का आना ऐसी समस्या है तो चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और उसकी सलाह पर हेपेटाइटिस की जांच करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि हेपेटाइटिस की जांच करने के लिए आमतौर ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है। जिससे संक्रमण का पता चलता है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि कुछ हेपेटाइटिस के लिए टीके उपलब्ध हैं, जैसे हेपेटाइटिस ए और बी से बचाव के लिए टीके लगाए जाते हैं। इसके अलावा अन्य प्रकार की हेपेटाइटिस होने पर आपको डॉक्टर से अपने परामर्श लेके उपचार की तरफ जल्द से जल्द बढ़ना चाहिए। समय पर इलाज मिलने से मरीज जल्द स्वस्थ हो सकता है और गुणवत्तापूर्ण जीवन जी सकता है।
इलाज में देरी के कारण क्रॉनिक हेपेटाइटिस बी या हेपेटाइटिस सी से पीडित मरीजो को गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। इसमे वायरस लिवर को प्रभावित करता है, इसलिए लिवर सिरोसिस व लीवर कैंसर होने की संभावना होती है। जिससे लिवर फेलियर हो सकता है। इससे ब्लीडिंग डिसऑर्डर और किडनी भी खराब हो सकती है। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी और सी से पीड़ित मरीज को शराब से बचना चाहिए । नहीं तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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