टनकपुर: 100 की स्पीड पर दौड़ती त्रिवेणी एक्सप्रेस दो हिस्सों में बंटी, 900 यात्रियों से भरी ट्रेन में मचा हड़कंप

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Published By Bhupesh Kanaujia
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टनकपुर/पीलीभीत, अमृत विचार। टनकपुर से पीलीभीत की तरफ 100 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रही त्रिवेणी एक्सप्रेस सोमवार सुबह बनबसा के पास अचानक दो हिस्सों में बंट गई। यह हादसा इंजन के पास से कपलिंग खुलने पर हुआ। ट्रेन में सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया। गार्ड ने किसी तरह हैंडब्रेक लगाकर ट्रेन को काबू में किया जबकि इंजन को लोको पायलट ने रोककर ट्रेन को जोड़ा। उधर, ट्रेन के अचानक दो हिस्सों में बंटने से अफसरों में खलबली मच गई। रेलवे अधिकारियों ने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।

 टनकपुर से ट्रेन संख्या 15074 त्रिवेणी एक्सप्रेस पीलीभीत के लिए सुबह 8:35 बजे रवाना हुई थी। यह ट्रेन सोमवार को पीलीभीत वाया बरेली से सिंगरौली को जाती है। बताया जा रहा है कि टनकपुर से रवाना होने के बाद 23 किलोमीटर दूर खटीमा स्टेशन पर स्टॉपेज है। सात स्लीपर, चार एसी और छह सामान्य कोच की करीब 900 यात्रियों से भरी यह ट्रेन रवाना होने के बाद 100 की स्पीड में दौड़ने लगी।

करीब आठ किलोमीटर का सफर तय करने के बाद अचानक इंजन के पास से ट्रेन की कपलिंग खुल गई। इससे ट्रेन दो हिस्सों में बंट गई। जानकारी होने पर ट्रेन में सवार यात्रियों में हड़कंप मच गया। लोको पायलट ने वॉकी टॉकी से ट्रेन के गार्ड से संपर्क साधकर घटना से अवगत कराया और इंजन को रोका। बाद में किसी तरह ट्रेन को रोकर कपलिंग को जोड़ा और रवाना हुए। इस दौरान करीब 30 मिनट ट्रेन देरी से रवाना हो सकी।

पीलीभीत जंक्शन पर ट्रेन 9:40 बजे के बजाय 10:20 बजे पहुंची। इसके बाद वहां ट्रेन की कपलिंग की 55 मिनट तक मरम्मत हुई। मरम्मत के बाद करीब 11:05 बजे ट्रेन को गंतव्य के लिए रवाना किया गया। इस संबंध में रेलवे अधीक्षक केडी कापड़ी ने बताया कि हुक में खराबी होने के कारण त्रिवेणी एक्सप्रेस का इंजन बिना डिब्बों के आगे बढ़ गया था। 

गार्ड और पायलट की सूझबूझ ने बचा लिया बड़ा हादसा
कपलिंग खुलने के बाद ट्रेन दो हिस्से में बंट गई। इससे इंजन को रोकना तो आसान हो गया, मगर ट्रेन के रोकना मुनासिब नहीं था। मगर लोको पायलट और गार्ड ने सूझबूझ देखते हुए गार्ड ने हैडब्रेक से ट्रेन को रोका और लोको पायलट से इंजन को रोकने ट्रेन उसमें टकराने से बचा ली। अगर अचानक इंजन रोक दिया जाता, तो इंजन से ट्रेन टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो जाती और ट्रेन में सवार यात्रियों को भी भारी नुकसान होता।

लापरवाही से पहले उल्टी दौड़ चुकीं ट्रेन
टनकपुर स्टेशन से पीलीभीत की ओर ढाल होने के कारण प्लेटफार्म पर पहुंचते ही ट्रेन के पहियों में जंजीर लगा दी जाती है। मगर चार साल पहले एक ट्रेन खड़ी होने के बाद भी जंजीर नहीं लगाई गई। इससे करीब आठ किलोमीटर तक ट्रेन बिना इंजन के ही दौड़ती रही। उस समय ब्रॉडगेज का काम चल रहा था। इसीलिए अफसरों ने भी ध्यान नहीं दिया। गनीमत रही कि कोई हादसा नहीं हुआ। इसके बाद मार्च 2021 में दिल्ली से चलकर टनकपुर पहुंची पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस में अचानक इंजन के ब्रेक खराब हो गए। इससे ट्रेन 20 की स्पीड में उलटी दौड़ने लगी। करीब 22 किलोमीटर उल्टी दौड़ने के बाद किसी तरह ट्रेन को रोका गया। विभागीय जांच के बाद कई कर्मचारियों को इस हादसे का जिम्मेदार मानते हुए निलंबित किया गया था। इसके बाद भी रेलवे कर्मचारियों का लापरवाह रवैया होने से सोमवार को फिर त्रिवेणी एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई।

टनकपुर रेलखंड पर बनबसा स्टेशन से पहले कपलिंग खुलने से त्रिवेणी एक्सप्रेस दो हिस्सों में बंट गई थी। गार्ड ने ट्रेन को हैंड ब्रेक लगाकर रोक दिया जबकि लोको पायलट ने इंजन को रोककर ट्रेन जोड़ी। घटना के कारण ट्रेन 30 मिनट देरी से रवाना हो सकी। मामले की जांच शुरू करा दी गई है। जांच के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

- राजेंद्र सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, इज्जतनगर मंडल