नैनीताल: हाईकोर्ट के दखल से सुधरेंगी नगर में स्वास्थ्य सुविधाएं 

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Published By Shweta Kalakoti
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बीडी पांडे जिला अस्पताल में सुविधाओं के अभाव का मामला

कोर्ट कमिश्नर ने सौंपी निरीक्षण रिपोर्ट, सुधार के बिंदु पेश किए 

नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने नगर के बीडी पांडे जिला अस्पताल में कई स्वास्थ्य सुविधाओ का अभाव होने के खिलाफ दायर पूर्व अध्यापक अशोक साह की जनहित याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 9 अगस्त की तिथि नियत की है। 

 
निरीक्षण रिपोर्ट में यह कहा गया

गुरुवार को कोर्ट कमिश्नर वरिष्ठ अधिवक्ता वीके कोहली, विकास बहुगुणा व याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अकरम परवेज ने बीडी पांडे जिला अस्पताल की औचक निरीक्षण रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। इस रिपोर्ट में कहा गया कि बीडी पांडे जिला अस्पताल में सीटी स्कैन की रिपोर्ट तीन दिन में आती है।

अस्पताल में खड़े होने तक की जगह तक नहीं है। जिस दिन अस्पताल का औचक निरीक्षण किया गया, उस दिन अस्पताल के रजिस्टर में 700 मरीजों के नाम दर्ज थे। यहां पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। कोर्ट कमिश्नर एवं निरीक्षण समिति की तरफ से कोर्ट को सुझाव भी दिया गया कि बीडी पांडे जिला अस्पताल का बोझ कम करने के लिए रैमजे हॉस्पिटल में कई विभाग शिफ्ट किए जाएं और मेट्रोपोल होटल का मेडिकल सुविधा के लिए उपयोग किया जाए।   

 
खंडपीठ ने यह की सुनवाई

मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से यह बताने के निर्देश दिए हैं कि अस्पताल की कितनी भूमि पर अतिक्रमण हुआ है और अभी इसकी क्या स्थिति है। खंडपीठ ने सीटी स्कैन की रिपोर्ट, जो तीन दिन में आती थी, उसे कम से कम 24 घंटे के भीतर देने पर विचार करने को कहा है।

साथ ही, रैमजे हॉस्पिटल की क्या स्थिति है और इस हॉस्पिटल में  कौन-कौन सी मेडिकल सुविधाएं दी जा सकती हैं, इस पर विचार करने को कहा है ताकि बीडी पांडे जिला अस्पताल का भार कम किया जा सके। कोर्ट ने मेट्रोपोल होटल का मेडिकल सुविधाओं हेतु क्या फायदा उठाया जा सकता है, इस पर भी विचार करने को कहा है। 

 
यह है मामला

मामले के अनुसार, याचिकाकर्ता अशोक साह ने याचिका में कहा कि उन्हें छोटी से छोटी शिकायतों के लिए उच्च न्यायालय की शरण लेनी पड़ी रही है। बीडी पांडे जिला अस्पताल जिले का मुख्य अस्पताल है, इसके बावजूद अभी भी अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा मरीजों को छोटी सी जांच करने के लिए भी सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है।

इस अस्पताल में जिले से इलाज कराने हेतु दूरदराज से मरीज आते हैं परंतु उनकी जांच कर हायर सेंटर रेफर किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय की खंडपीठ से प्रार्थना की कि इस अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं जिससे दूरदराज से आने वाले लोगों को सही समय पर इलाज मिल सके।

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