मुरादाबाद : हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ा आतंकी अहमद रजा गिरफ्तार, भारत में बड़ी घटना का बुन रहा था तानाबाना

Amrit Vichar Network
Published By Priya
On

अफगानिस्तान से ली आतंकी कमांडो की ट्रेनिंग, एटीएस से बोला आतंकी, उसे एक न एक दिन हिंदुस्तान में भी शरिया लागू होने का पूरा भरोसा

मुरादाबाद, अमृत विचार। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस-एंटी टेररिस्ट स्क्वाड) ने हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़े आतंकी अहमद रजा को गिरफ्तार है। दबोचा गया आतंकी अहमद रजा उर्फ शाहरुख उर्फ मोहीउद्दीन मूंढापांडे थाना क्षेत्र के गुलड़िया गांव का रहने वाला है। यह पाकिस्तान के रास्ते अफगानिस्तान से आतंकी कमांडों की ट्रेनिंग ले चुका है। भारत में आतंकी घटना का तानाबाना बुन रहा था। एटीएस से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि आतंकी अहमद रजा ने पूछताछ में प्रश्नों का कोई उत्तर न देकर अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है। 

एटीएस टीम ने इसके पास से दो मोबाइल, तीन सिम और 1220 रुपये बरादम किए हैं। मोबाइल की जांच में देखा गया तो गैलरी में हथियारों की तस्वीरें, चैट के स्क्रीन शॉट, जिहादी वीडियो मिले। साथ ही उसके मोबाइल से कई संदिग्ध नंबरों से बातचीत के इनपुट भी मिले हैं। अहमद रजा हिजबुल मुजाहिद्दीन की पीर पंजाल तंजीम के फिरदौस के संपर्क में था। वह भारत में शरिया लागू करना अपनी जिंदगी का मकसद मानता था। आतंकी अहमद रजा को एटीएस फील्ड इकाई सहारनपुर ने दबोचा है। एटीएस ने इसके विरुद्ध लखनऊ के एटीएस थाने में केस दर्ज कराया है। 

अनंतनाग के फिरदौस ने अहमद रजा को दिलाई थी शपथ
पूछताछ में पता चला है कि आतंकी अहमद रजा पाकिस्तान व अफगानिस्तान से लड़ रहे विभिन्न जिहादी संगठन के मुजाहिदीनों से प्रभावित है। इनकी जिहादी सोच और कार्रवाई पर उसे पूरा भरोसा है। इस आतंकी ने हिंदुस्तान में काफिरों व काफिर सरकार के विरुद्ध जिहाद करके जम्हूरियत की सरकार को हटाकर शरिया काननू लाने को अपने जीवन का मकसद बना लिया था। इसके लिए वह हिजबुल मुजाहिद्दीन पीर पंजाल तंजीम से जुड़े वरिष्ठ मुजाहिद साथी फिरदौस के संपर्क में था। फिरदौस जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग का रहने वाला है। एटीएस अधिकारी अब फिरदौस की शिनाख्त व गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए हैं। फिरदौस ने ही अहमद रजा को हिजबुल मुजाहिद्दीन पीर पंजाल में शामिल होने की बैयत (शपथ) दिलाई थी। 

श्रीनगर व अनंतनाग में हथियारों का लिया प्रशिक्षण
हिंदुस्तान में जिहाद करने व अपनी तंजीम को मजबूत बनाने के लिए आतंकी अहमद रजा को अपने वरिष्ठ मुजाहिद साथियों (अमीरों) से ये हिदायत मिली थी कि अधिक से अधिक लोगों को जिहादी बनाकर अपनी तंजीम से जोड़ें। इसके लिए अहमद रजा लोगों से मिलकर और इंटरनेट के जरिए हिजबुल मुजाहिद्दीन से जुड़ने की दावत देता था और लोगों में हिंसात्मक जिहाद भरने के लिए इंटरनेट पर जिहादी वीडियो पोस्ट करता था। गिरफ्तार आतंकी अहमद रजा अपने मुजाहिद साथियों फिरदौस व पाकिस्तानी आतंकी हैंडलर के कहने पर वह दो बार श्रीनगर, अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) में हथियारों की ट्रेनिंग लेने गया था।

अहमद रजा सरकार को मानता न ही संविधान 
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, अहमद रजा आतंकी मंसूबों को पूरा करने के लिए वह अहसान गाजी की मदद से अफगानिस्तान गया था। वहां बद्री कमांडो बनना चाहता था। पूछताछ में अहमद रजा ने एटीएस को बताया है कि वह भारत के संविधान और सरकार को नहीं मानता है, उसे विश्वास है कि एक न एक दिन हिंदुस्तान में भी शरिया कानून प्रभावी होगा।

ये भी पढ़ें:- मुरादाबाद : मणिपुर दंगों में मृतकों के परिजनों को एक करोड़ मुआवजा देने की मांग

संबंधित समाचार