मुरादाबाद: भाजपा नेता अनुज हत्याकांड से पर्दा उठना चंद कदम दूर, जेल में लिखी गई हत्या की स्क्रिप्ट
अनुज हत्याकांड: ब्लाक प्रमुखी और हाईवे पर गोलीकांड की रंजिश में गई जान, शूटरों को पकड़ने में जुटी पुलिस
मुरादाबाद, अमृत विचार। भाजपा नेता अनुज हत्याकांड में तमाम संदेहों से पर्दा उठ चुका है। इस हत्याकांड को पुलिस अधिकारियों ने काफी गंभीरता से लिया है। प्रत्येक बिंदु पर गहनता से पड़ताल चल रही है। आसपास के जिलों से लेकर उत्तराखंड में भी शूटरों के संदिग्ध ठिकानों पर पुलिस की टीमें दबिश दे रही हैं। अनुज हत्याकांड का असल कारण वर्तमान ब्लाक प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी और बरेली जेल में सजा काट रहे कैदी पर अमरोहा के रजबपुर थाना क्षेत्र में हसनपुर मार्ग पर हुए जानलेवा हमले को माना जा रहा है। दोनों दुश्मनों ने एक होकर अनुज की हत्या की पूरी स्क्रिप्ट जेल में तैयार की। इसके बाद पार्श्वनाथ प्रतिभा सोसाइटी में भाजपा नेता अनुज चौधरी की हत्या हुई।
हत्या करने वाले शॉर्प शूटर सुपारी किलर भी बताए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे एक कैदी से अनुज चौधरी के दुश्मन मुलाकात करने पहुंचे थे। लंबी चर्चा करने के बाद जेल से बाहर आते ही भाजपा नेता को पार्श्वनाथ सोसाइटी में गोलियों से भून दिया गया था। संदिग्धों से पुलिस की पूछताछ में कुछ ऐसी ही बातें उभर कर सामने आ चुकी हैं। इसी आधार पर पुलिस टीमें लगातार जांच को आगे बढ़ा रही हैं।
मुरादाबाद के अलावा, संभल, बिजनौर, अमरोहा और उत्तराखंड के रामनगर और नैनीताल में तमाम संदिग्धों से पूछताछ के बाद अब पुलिस टीमें शूटरों की तलाश में जुटी है। वैसे मौत के घाट उतारे गए भाजपा नेता अनुज चौधरी के दोस्तों की सूची लंबी है। दुश्मनों की संख्या भी कम नहीं है। खबर है कि संभल के अलिया नेकपुर निवासी अनुज चौधरी के दादा की 2013 में हत्या हुई थी। बताया जा रहा है कि इस मामले में अनुज चौधरी के परिवार की ओर से गांव के ही कुछ लोगों पर हत्या का आरोप लगाया गया था।
गांव में अनुज के परिवार की रंजिश दूसरे परिवार से हो गई थी। उस समय अनुज अपने परिवार के साथ अमरोहा जिले में हसनपुर के बुखारीपुर गांव में बस गए थे लेकिन, अनुज चौधरी ने अपनी राजनीति संभल में सक्रिय रखी। उन्होंने पंचायत चुनाव में असमोली ब्लॉक प्रमुख पद के लिए भाजपा के टिकट पर ताल भी ठोक दी थी। इनके सामने प्रभाकर चौधरी की पत्नी संतोषी देवी भी चुनाव मैदान में थीं। संतोषी देवी निर्दल उम्मीदवार थीं। इस चुनाव को जीतने के लिए अनुज चौधरी ने दम-खम लगा दिया था लेकिन, वह हार गए थे और संतोषी देवी ब्लॉक प्रमुख बन गई थीं।
इसी चुनाव से प्रभाकर चौधरी की अनुज से रंजिश बढ़ी थी। चुनाव हारने के बाद भी अनुज खामोश नहीं रहे। जल्दबाजी कर वह ब्लॉक प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव ले आए थे, लेकिन निर्वाचन के दो साल से कम अवधि के बीच अविश्वास प्रस्ताव होने से वह मान्य नहीं हुआ था। इसके बाद अब वह इसी महीने में दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाने की पूरी तैयारी में थे। उधर, प्रभाकर चौधरी भी अनुज चौधरी की इस तरह की कार्यशैली से काफी नाराज थे। ऐसे में रंजिश बढ़ती जा रही थी। तीसरी दुश्मनी प्रापर्टी डीलरों के बीच बढ़ गई थी। अनुज ने प्रॉपर्टी के धंधे में भी किस्मत अजमाई। इसमें वह तेजी से आगे बढ़ रहे थे। यहां भी दुश्मनों व नए दोस्तों की संख्या बढ़ती चली गई।
प्रापर्टी व राजनीति में बढ़ने लगा था रसूख
संभल जिले के एचौड़ा कम्बोह थाना क्षेत्र के अलिया नेकपुर निवासी अनुज चौधरी का राजनीति और प्रापर्टी के कार्य में रसूख बढ़ने लगा था। सत्तारूढ़ दल में उनकी बढ़ती पकड़ और उसका रौब प्रापर्टी के कार्य में प्रयोग से उनके कई नए दुश्मन तैयार हो गए थे। वह पार्श्वनाथ प्रतिभा सोसाइटी में टावर टी-7 के फ्लैट नंबर 401 और 402 में रह रहे थे। यहीं से वह अपनी गतिविधियों को संचालित कर रहे थे। बताया जा रहा है कि मुरादाबाद में रहकर अनुज चौधरी का राजनीति और प्रापर्टी के काम में तेजी से आगे बढ़ना कई लोगों को अखरने लगा था।
अनिकेत से लंबी पूछताछ, शूटरों की तलाश में दौड़ रही पुलिस
पुलिस को उम्मीद है कि प्रभाकर चौधरी के नामजद बेटे अनिकेत से कई राज खुलेंगे, इसलिए रविवार रात में उससे हर पहलू पर पूछताछ हुई है। अनुज हत्याकांड में संभल जिले की असमोली ब्लाॅक प्रमुख संतोष देवी के पति प्रभाकर चौधरी और उनका बेटा अनिकेत, पुष्पेंद्र उर्फ भूरा, भवालपुर का अमित कुमार नामजद हैं। पुष्पेंद्र उर्फ भूरा जेल में निरुद्ध मोहित चौधरी का खास और भरोसेमंद व्यक्ति है। अनुज हत्याकांड में नामजद अभियुक्तों की सूची में मझोला थाना क्षेत्र के भी कुछ आरोपी अज्ञात में दर्ज हैं। सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि अनुज चौधरी हत्याकांड में पुलिस विभिन्न बिंदुओं पर जांच कर रही है। शूटर जिधर से भागे हैं, उन मार्गों और पार्श्वनाथ प्रतिभा सोसाइटी में लगे सीसीटीवी कैमरों के प्रत्येक फुटेज को बड़ी सावधानी से देखा जा रहा है। एक-एक कैमरे के फुटेज में रिकॉर्ड ट्रैफिक और उसमें बाइक सवार में शूटरों की लोकेशन की जांच हो रही है। सीओ सिविल लाइंस ने बताया कि शूटर के संबंध में जानकारी मिली है लेकिन, अभी वह पकड़ से बाहर हैं।
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