लखनऊ: लविवि में ऐडेड कॉलेजों के शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, 42 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
अशासकीय महाविद्यालयों में बॉयोमेट्रिक लागू करने से नाराज शिक्षकों ने जताया विरोध
अमृत विचार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऐडेड कॉलेजों के शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय में मंगलवार को (लुआक्टा) यानी कि लखनऊ यूनिवर्सिटी एसोसिएटेड कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन के बैनर तले एक दिवसीय आंदोलन किया। इस दौरान शासन और निदेशालय स्तर पर लंबित शिक्षकों की समस्याओं और मांगों को लेकर लखनऊ विश्वविद्यालय के परिसर में ऐडेड कॉलेजों के शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही कुलपति के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा।
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लखनऊ: LU में ऐडेड कॉलेजों के शिक्षकों ने किया प्रदर्शन, 42 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
Posted by Amrit Vichar on Tuesday, 22 August 2023
बता दें कि लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में ऐडेड कॉलेजों के शिक्षकों ने अपनी समस्याओं और मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ मनोज पांडेय ने बताया कि पूरे प्रदेश में सभी 331 महाविद्यालयों के शिक्षक अपने अपने विश्वविद्यालय मुख्यालय पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिर्फ अशासकीय महाविद्यालयों में बॉयोमेट्रिक लागू करके सरकार भेदभाव कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि ऐडेड कॉलेजों के शिक्षकों की कुल 42 मांगों को लेकर ये आंदोलन किया जा रहा है। जिनमें शिक्षकों की अधिवर्षता आयु 65 वर्ष, पुरानी पेंशन बहाली, पीएचडी धारक शिक्षकों को इन्क्रीमेट्स, कैशलेस मेडिकल सुविधा, ग्रेच्युटी एवं अवकाश नकदीकरण का प्रावधान समेत कुल 42 मांगे शामिल है।
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वहीं लुआक्टा की महामंत्री डॉ अंशु केडिया ने कहा कि ऐडेड कॉलेजों के अलावा सभी स्ववित्तपोषित और सरकारी महाविद्यालयों में भी बॉयोमेट्रिक लागू करना चाहिए। ऐसे में सिर्फ ऐडेड कॉलेजों में बॉयोमेट्रिक लागू करने का हम विरोध कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़ी कई समस्याओं को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ विश्वविद्यालय परीक्षा शुल्क के नाम पर, रजिस्ट्रेशन के नाम पर अधिक से अधिक राशि अपने पास रखती है। ऐसे में जो सरकार की जो नीतियां है कि सरकार फंड नहीं देगी, यूजीसी से फंड नहीं, यूनिवर्सिटी अपने पास ज्यादा हिस्सा रखेंगी तो ऐडेड कॉलेज कैसे चलेंगे?
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इसके अलावा उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय-महाविद्यालय शिक्षक महासंघ के उपाध्यक्ष श्रीप्रकाश यादव ने बताया कि नई शिक्षा नीति की वजह से अशासकीय महाविद्यालयों में इस साल एडमिशन बहुत कम हुए हैं। सरकार ने छात्रों की उपस्थिति को अनिवार्य करते हुए बॉयोमेट्रिक लागू किया है। लेकिन ज्यादातर छात्र ग्रामीण स्तर के हैं वो रोजाना विद्यालय में उपस्थित नहीं होते है क्योंकि कई विद्यार्थी जीविकोपार्जन के लिए भी काम करते हैं।
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