बहराइच: अवध गौरव सम्मान से नवाजे गए कवि, तुलसी जयंती पर काव्य गोष्ठी का हुआ आयोजन

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Published By Deepak Mishra
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बहराइच, अमृत विचार। अखिल भारतीय साहित्य परिषद की ओर से गुरुवार को सेनानी भवन में तुलसी जयंती के अवसर पर काव्य गोष्ठी आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अंचल के श्रेष्ठ साहित्यकार राधेश्याम पाण्डेय, राधकृष्ण शुक्ल 'पथिक', अवधनरेश सिंह 'अवधेश', राम करण मिश्र 'सैलानी', रामसँवारे द्धिवेदी 'चातक', अयोध्या प्रसाद शर्मा 'नवीन', राम धीरज शर्मा को 'अवध गौरव - 2023' से सम्मानित किया।

सभा में उपस्थित सभी ने विश्व महाकवि तुलसीदास के चित्र का माल्यार्पण तथा पुष्पांजलि करके उनके चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित की। परिषद् के अध्यक्ष शिव कुमार सिंह रैकवार, महामंत्री रमेश चन्द्र तिवारी तथा मुख्य अतिथि गुलाब चन्द्र जायसवाल ने आमंत्रित साहित्यकारों को सम्मान प्रमाण-पत्र, अंगवस्त्र तथा स्मृति चिन्ह भेंट की। 

रामसँवारे द्धिवेदी 'चातक' ने अपनी पुस्तक अंतर्द्वंद, शांतिदूत, अन्धनिष्ठा, मेरी मधुशाला का विमोचन किया। राम सूरत वर्मा जलज ने वाणी वंदना के साथ सभा का सञ्चालन किया। कवि कृष्ण कुमार अवस्थी ने अपनी कविता प्रस्तुत की "तुलसी तुम्हारी रामकथा पढ़ते हैं किन्तु राम का पवित्र आदर्श अपनाते नहीं।", 

अमर सिंह विसेन ने पढ़ा "ज्ञान के दीप को जिसने मानस किया प्रेरणा बन गयी एक रत्नावली।", विमलेश जायसवाल ने पढ़ा "अधर को अधरों पर धर प्यास को प्रिय पूर्ण  कर दो।",

 पुण्डरीक पांडेय, साकेत तिवारी, विनोद कुमार पांडेय, सुभाषित श्रीवास्तव अकिंचन, ओमप्रकाश शुक्ल, बुद्ध सागर पांडेय, रवि विख्यात, रिंकू राज, राकेश रस्तोगी विवेकी, पी के प्रचण्ड, मशरिक़ी, तिलक राम अजनवी आदि कवियों ने अपनी-अपनी कविताएं पढ़ीं। इस दौरान कवि और श्रोता मौजूद रहे।

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