FIDE World Cup Chess Tournament : विश्व चैंपियन बनने से चूके प्रज्ञानंदा, चेस वर्ल्ड कप के फाइनल में वर्ल्ड नंबर-1 मैग्नस कार्लसन ने हराया

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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बाकू। भारत के 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानंद इतिहास रचने से चूक गये और उन्होंने फिडे विश्व कप 2023 के फाइनल में गुरुवार को नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन से हारने के बाद रजत पदक से संतोष किया। दो दिन में दो मुकाबले ड्रॉ होने के बाद शीर्ष वरीयता प्राप्त कार्लसन ने टाईब्रेक के पहले गेम में काले मोहरों से खेलते हुए 31वीं वरीयता प्राप्त प्रज्ञानंद को मात दी, जबकि सफेद मोहरों से खेलते हुए उन्होंने भारतीय खिलाड़ी को ड्रॉ पर रोक लिया।

पांच बार विश्व चैंपियनशिप जीत चुके कार्लसन ने आखिरकार विश्व कप की ट्रॉफी भी अपने नाम कर ली। उन्हें इस जीत के लिये एक लाख दस हज़ार डॉलर के इनाम से नवाज़ा जायेगा, जबकि प्रज्ञानंद को 80,000 रुपये मिलेंगे। टाईब्रेक के पहले रैपिड गेम में काले मोहरों से खेलते हुए कार्लसन ने प्रज्ञानंद की ई4 चाल का जवाब ई5 से दिया। दोनोंं खिलाड़ियों ने सटीक चालें चलीं लेकिन प्रज्ञानंद ने 42वीं चाल पर प्यादे को ए5 से ए6 पर बढ़ाया, जो गलत साबित हुआ। कार्लसन इस गलती का फायदा उठाकर शह मात के करीब आ गये और प्रज्ञानंद ने हार मान ली।

दूसरे गेम में कार्लसन ने ई4 से शुरुआत की और चौकसी के साथ खेलते हुए कोई गलती नहीं की। प्रज्ञानंद ने मात्र 22 चालों के बाद ड्रॉ पर सहमति जताई और कार्लसन विश्व कप फाइनल में 1.5-0.5 से विजयी हुए। उल्लेखनीय है कि प्रज्ञानंद विश्व कप फाइनल में पहुंचने वाले सबसे युवा खिलाड़ी थे। साथ ही, उन्होंने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिये भी क्वालीफाई कर लिया है और वह कार्लसन और बॉबी फिशर के बाद ऐसा करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी हैं। प्रज्ञानंद फिडे विश्व कप का फाइनल खेलने वाले दूसरे भारतीय भी थे, जबकि उनसे पहले सिर्फ विश्वनाथन आनंद ने ऐसा किया था। 

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