मथुरा: पराली का इस्तेमाल जैविक ईधन के तौर पर करें किसान- सूर्य प्रताप शाही
फाइल फोटो
मथुरा। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने गुरुवार को कहा कि पराली को जलाने के बजाय किसान इसका लाभ जैविक ईधन के तौर पर इस्तेमाल कर ले सकते है जिससे खेत की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने में मदद मिलेगी। शाही ने बुधवार देर रात पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पराली का उपयोग बायो फ्यूल के रूप में लेकर इसका लाभ भी किसान ले सकते हैं। सरकार किसानों की आय बढ़ाने के निरन्तर प्रयास कर रही है। इसके लिए अन्न की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
हाइब्रिड बीजों पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है तथा ब्लाक स्तर पर स्टॉल लगाकर छूट वाले कृषि यंत्र किसानों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों को अपनाकर प्रदेश के किसान अपनी आय को बढ़ाने तथा प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। कृषि विभाग द्वारा चलाई जा रही किसान पाठशाला किसानों को जागरूक करने तथा सरकारी योजनाओं में इनकी सहभागिता बढ़ाने के लिए प्रभावी सिद्ध हो रही है।
किसान पाठशाला दूरस्थ क्षेत्रों के किसानों से भी सीधे संवाद स्थापित करने का अवसर प्रदान कर रही है। सात अगस्त से अब तक कुल 27161 किसान पाठशालायें आयोजित की जा चुकी हैं। उन्होने बताया कि 2023 में खरीफ की विभिन्न फसलों के अन्तर्गत कुल 96.20 लाख हेक्टेयर क्षेत्र के आच्छादन का लक्ष्य रखा गया था जिसके सापेक्ष कुल 95.67 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का आच्छादन कर लिया गया है। शाही ने बताया कि यूरिया उर्वरक के डायवर्जन, स्मग्लिंग एवं ब्लैकमार्केटिंग को रोकने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय सीमावर्ती (नेपाल बॉर्डर) के सभी सात जिलों में कृषि, पुलिस तथा प्रशासनिक दल की टीम गठित कर सतत् निगरानी की जा रही है।
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