लखनऊ : चारबाग स्टेशन के प्लेटफार्म-एस्केलेटर तक मंत्री की गाड़ी ले जाने में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज  

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Published By Jagat Mishra
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लखनऊ, अमृत विचार। चारबाग स्टेशन के दिव्यांग रैंप पर लक्जरी गाड़ी चढ़ाकर प्लेटफार्म के एस्केलेटर तक पहुंचाने के मामले में राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी ) की ओर से प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह और उनके चालक को बचाने की कवायद शुरु हो गई  है। मामले में आरपीएफ और जीआरपी ने नया मोड़ दे दिया है। मामला हाईलाइट होने के बाद जब विवाद बढ़ा तो आरपीएफ ने अज्ञात ड्राइवर के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए हैं। इसकी जांच आरपीएफ उपनिरीक्षक राहुल को सौंपी गई है। जबकि प्लेटफार्म के रैंप तक मंत्री की गाड़ी जाने के लिए जीआरपी कर्मियों ने ही रेलवे का गेट खोला था । मामला मंत्री का होने के बाद आरपीएफ ने मंत्री और उनके पीएस,गार्ड के खिलाफ शिकायत दर्ज करने के बजाय अज्ञात चालक को दोषी बनाया है ।

उत्तर रेलवे के आरपीएफ कमांडेंट डॉ. श्रेयांस चिंचावड़े ने बताया कि मामले में अज्ञात ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच के आदेश दिए गए हैं। आरपीएफ ने खुद मामले को संज्ञान में लेते हुए शिकायत दर्ज की है। रेलवे सुरक्षा बल आयुक्त के मुताबिक प्रथम दृष्टया अज्ञात लक्जरी कार चालक ही दोषी है। वहीं प्रदेश सरकार के अधीन काम करने वाली राजकीय रेलवे पुलिस जीआरपी की ओर से मामले में हस्तक्षेप कर बताया जा रहा है कि गाड़ी मंत्री की थी मंत्री ने मना किया लेकिन बारिश होने और ट्रेन छूटने की जल्दी में चालक ने रैंप  तक गाड़ी लेकर चला गया इस मामले में चालक से पूछताछ भी होगी । वहीं मौके पर मौजूद रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि मंत्री के गाड़ी को रैंप तक जाने के लिए जीआरपी के जवानों ने रेलवे गेट खोला था । जीआरपी अधिकारियों के दबाव के चलते आरपीएफ मामले को डार्यवर्ट करने के साथ रफा दफा करने में जुट गई है। मामला हाईप्रोफाइल होने के चलते मंत्री और उनके पीएस,गार्ड के खिलाफ शिकायत तक नहीं की गई जबकि इस मामले में सभी दोषी बताये जा रहे हैं।

यह है मामला
प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह को बीते बुधवार को ट्रेन संख्या 13005 हावड़ा से अमृतसर पंजाब मेल एक्सप्रेस से लखनऊ से बरेली जाना था। ट्रेन प्लेटफार्म नंबर 4 पर आनी थी,इस बीच बारिश और ट्रेन छूटने की वजह से जीआरपी जवानों ने रेलवे का गेट खोल दिया जहां मंत्री के कार चालक ने गाड़ी को दिव्यांग रैंप पर चढ़ाकर एस्केलेटर तक पहुंचा दिया। यहां काफी देर तक मंत्री की कार रैंप पर खड़ी रही। जब मंत्री एस्केलेटर से प्लेटफार्म एक पर पहुंचकर ट्रेन में सवार हो गए तब जाकर यहां से कार हटी। जबकि रेलवे नियम के मुताबिक अगर कोई अपनी प्लेटफार्म रैंप तक ले जाता है तो उसे एक महीने तक जेल या जुर्माने से दंडित किये जाने का प्राविधान हैं।

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