कानपुर में बाढ़ : चैनपुरवा और भोपाल का पुरवा गांव में भरा पानी, ग्रामीण कर रहे पलायन, ये है जलस्तर
कानपुर में बाढ़ से ग्रामीण पलायन कर रहे।
कानपुर में बाढ़ के कारण चैनपुरवा और भोपाल का पुरवा गांव को खाली कराया गया। वहीं, बाढ़ की वजह से गांवों से ग्रामीण पलायन करने लगे हैं। कोई नाव पर सामान रखकर निकला तो कोई ट्रैक्टर पर रखकर निकल रहा है।
कानपुर, अमृत विचार। गंगा कटरी में बाढ़ से प्रभावित गांवों से ग्रामीण गृहस्थी समेत अन्य जरूरी सामान लेकर पलायन कर रहे हैं। कोई नाव पर रखकर सामान निकाल रहा है तो कोई ट्रैक्टर पर। ज्यादातर ग्रामीण रिश्तेदारों के घर चले गए। जिनके रिश्तेदार दूर रहते हैं, वे राहत शिविर में शरण ले रहे हैं।
चैनपुरवा और भोपाल का पुरवा से सभी परिवारों को बाहर निकाल लिया गया है। ज्यादातर परिवार राहत शिविर में रुके हैं। गांव में अब कोई नहीं बचा है। प्रशासन चौबीस घंटे अलर्ट मोड पर है। अधिकारी हर घंटे जलस्तर की स्थिति का आकलन कर रहे हैं।
गंगा का जलस्तर जिस तरह से बढ़ रहा है, बैराज से उतना ज्यादा पानी छोड़ा जा रहा है। शुक्रवार को बैराज से चार लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया। इससे कटरी से जुड़े गांवों में पानी और बढ़ गया। अब बाढ़ प्रभावित गांवों में रहना खतरे से खाली नहीं हैं। कटान होने से कच्चे मकान गिरने का डर है। इस वजह से ग्रामीण पलायन करने लगे।
ग्रामीण संजय निषाद का कहना है कि अब गांवों में ज्यादा पानी आ गया है। बच्चे मानते नहीं है, वे पानी में खेलने चले जाते हैं। ऐसे में दुर्घटना होने का डर है। इस वजह से वे लोग गांव छोड़कर जा रहे हैं। वहीं, दिनेश निषाद ने कहा कि वे लोग परिवारवालों की देखरेख की वजह से काम पर नहीं जा पा रहे हैं। रिश्तेदारों के घर जाने से वे काम पर जा सकेंगे।
चैनपुरवा और भोपाल का पुरवा से सभी परिवारों को बाहर निकाल लिया गया है। ज्यादातर परिवार राहत शिविर में रुके हैं। गांव में अब कोई नहीं बचा हैं। इधर, अन्य गांवों से भी कच्चे मकानों में रहने वाले परिवार को बाहर निकाला जा रहा है। क्योंकि बाढ़ से कटान होना शुरु हो गया है।
बाढ़ चौकी सक्रिय, अधिकारी कर रहे निरीक्षण
गांवों में पानी पहुंचने से बाढ़ चौकियां सक्रिय हो गई हैं। प्रशासन ने बाढ़ से निपटने के लिए 36 बाढ़ चौकियां बनाई हैं। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को हर घंटे की अपडेट के निर्देश दिए है। शुक्रवार को एसडीएम सदर अभिनव गोपाल ने बाढ़ प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर दिया। उन्होंने राशन और दवा का वितरण कराया।
