उपन्यासकार नीलकांतन से 10 लाख रुपये की रंगदारी की मांग, रिपोर्ट दर्ज
ठाणे। उपन्यासकार आनंद एल नीलकांतन को फोन कर 10 लाख रुपये की रंगदारी मांगने का मामला सामने आया है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उसने बताया कि फोन करने वाले व्यक्ति ने नीलकांतन पर कथित तौर पर अपनी एक किताब में वाल्मिकी समुदाय का अपमान करने का आरोप लगाया। एक अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र के ठाणे शहर में पुलिस ने सोमवार को रवींद्र चौधरी नामक व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (जबरन वसूली) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध दर्ज किया।
उन्होंने बताया कि आरोपी ने खुद को विश्व वाल्मिकी समाज का अध्यक्ष बताया। अधिकारी ने बताया कि 49 वर्षीय उपन्यासकार ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि 21 अगस्त की रात को उन्हें चौधरी का फोन आया, जिन्होंने खुद को विश्व वाल्मिकी समाज का अध्यक्ष बताया। उन्होंने बताया कि शिकायत के मुताबिक फोन करने वाले ने दावा किया कि नीलकांतन ने अपनी पुस्तक ‘‘वाल्मीकिज वुमेन: फाइव टेल्स ऑफ रामायण’’ में वाल्मिकी समुदाय का अपमान किया है, और उसने समुदाय को संतुष्ट करने के लिए 10 लाख रुपये की मांग की।
अधिकारी ने प्राथमिकी के हवाले से बताया कि बातचीत के बाद 2.5 लाख रू पर सहमति बनी जिसके बाद उपन्यासकार ने पुलिस से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। नीलकांतन 13 से अधिक किताबें लिख चुके हैं। वह एक स्तंभकार, पटकथा लेखक और वक्ता भी हैं। उन्हें पौराणिक कथा साहित्य लिखने के लिए जाना जाता है और उन्होंने अंग्रेजी में 12 और मलयालम में एक किताब लिखी है।
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