मुरादाबाद : OMG! जिला अस्पताल में सहायक कर रहे डेंगू रोगियों का इलाज

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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डेंगू रोगियों के बेड पर मच्छरदानी नहीं, रोगी डॉक्टर के आने की कर रहे प्रतीक्षा, वार्ड में केवल आठ बेड, सभी फुल, पैथोलॉजी के बाहर ब्लड टेस्ट कराने को भीड़

मुरादाबाद, अमृत विचार। डेंगू के प्रकोप और वायरल की दस्तक से चिंतित सरकार को जिला अस्पताल ही ठेंगा दिखा रहा है। डेंगू और तेज बुखार के रोगियों के उपचार में तमाम बाधाएं देखी जा रही हैं। डॉक्टर वार्डों में स्वयं राउंड न लेकर सहायकों (असिस्टेंट) से रोगियों का उपचार करा रहे हैं। रविवार दोपहर एक बजे इमरजेंसी वार्ड के पास की बिल्डिंग के द्वितीय तल पर संचारी रोग (आइसोलेशन) वार्ड-दो में कुल आठ रोगी भर्ती मिले। यहां आठ ही बेड की व्यवस्था है। पूछने पर रोगियों ने बताया कि दोपहर के एक बज गए हैं। डॉक्टर देखने तक नहीं आए हैं।

बेड नंबर-छह पर 10 साल का फैज भर्ती है। उसे उल्टियां हो रही थीं। मां नगीना घबराई हुईं थीं। कहा, उसका बेटा फैज शुक्रवार से भर्ती है। बेटे की हालत में कुछ सुधार नहीं दिख रहा है। डॉक्टर आए नहीं है, हम किससे बेटे के सेहत के बारे में क्या कहें? बेड नंबर-दो पर बुजुर्ग शरीफुल हसन भर्ती हैं। इनकी देखरेख में उनकी बेटी बिन्नू हैं। बिन्नू ने बताया कि उनके पिता सात दिन से भर्ती हैं। डॉक्टर शनिवार को आए थे, देख गए थे फिर दोबारा नहीं आए हैं। पिता की हालत में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है। बिन्नू ने बताया कि उन्होंने नर्स से डॉक्टर के आने के बारे में पूछा तो उन्हें बताया गया कि रविवार की छुट्टी है। डॉक्टर सोमवार को आएंगे। यही हाल डेंगू वार्ड में अन्य रोगियों की थी। रोगी और उनके तीमारदार भी डॉक्टर के आने का इंतजार कर रहे थे।

दूसरी बड़ी लापरवाही डेंगू वार्ड में देखने को मिली कि किसी भी रोगी को मच्छरदानी में नहीं कर रखा गया है, जबकि अस्पताल में दिन में भी मच्छरों का प्रकोप है। स्टाफ नर्स ने पूछने पर कहा, मच्छरदानी रखी हैं। डेंगू वार्ड में सभी बेड पर मच्छरदानी है लेकिन, रोगी उसका प्रयोग नहीं कर रहे हैं। स्टाफ नर्स ने यह भी बताया कि आज (रविवार) डेंगू वार्ड में डॉ. विनीत चौहान की ड्यूटी लगी है, पर छुट्टी होने के कारण वह रोगियों को देखने नहीं आए हैं। डॉ.विनीत चौहान ने अपने असिस्टेंट को भेजा था, वह अभी कुछ देर पहले (दोपहर करीब 12.30 बजे) ही वार्ड में राउंड लेकर चले गए हैं। असिस्टेंट कौन थे, स्टॉफ नर्स ने उसका नाम नहीं बताया। यह जरूर बताया कि डेंगू वार्ड में कुल 12 रोगी भर्ती हो चुके हैं, जिनमें वर्तमान में आठ अभी भी भर्ती हैं। शेष चार स्वस्थ होकर अस्पताल से घर लौट चुके हैं।

आवासीय कॉलोनी में गंदगी, बजबजाती नालियां

डेंगू का प्रकोप चल रहा है, इससे हर कोई डरा हुआ है। इसके बाद भी महानगर के वार्ड-मुहल्लों की बात दूर जिला अस्पताल की आवासीय कॉलोनी तक में संक्रमित मच्छर के प्रभाव को रोकने के कोई इंतजाम नहीं हैं। गंदगी है। नालियां बजबजा रही हैं। सफाई के अभाव में नालियों में भरा पानी काला पड़ गया है। कॉलोनी में मिले लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, यहां सफाई का अभाव रहता है। कई-कई महीने हो जाते हैं नालियों की सफाई नहीं होती है। बड़ी-बड़ी घास उगी है। दिन में भी मच्छर लगते हैं।

डेंगू से बचाव का कोई प्रचार नहीं
जिला अस्पताल में डेंगू से कैसे बचें, क्या करें? इस संबंध में कहीं कोई प्रचार आदि की व्यवस्था नहीं दिखी। वैसे रविवार को छुट्टी होने के कारण अस्पताल में रोगी या तीमारदारों की कोई भीड़ नहीं थी। लेकिन, यहां इलाज की कोई बेहतर सुविधा देखने को नहीं मिली। अधिकांश डॉक्टर छुट्टी मनाते ही नजर आए। ब्लड बैंक में प्रभारी डॉ.शिल्पा भी नहीं मिलीं। पैथोलॉजी बंद थी। इसका कारण रविवार को छुट्टी होना बताया गया, जबकि वहीं घूम रहे तीमारदार ब्लड टेस्ट कराने के लिए परेशान थे। तीमारदार इंद्रपाल, उस्मान आदि ने बताया कि उनके रोगी का ब्लड टेस्ट होना है। वह सुबह से तीन बार पैथोलॉजी के चक्कर काट चुके हैं और अब यहीं पैथोलॉजी के पास बैठकर कर्मियों का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, रविवार को छुट्टी होना अलग बात है लेकिन, उनका रोगी बीमार है ब्लड टेस्ट होना है तो कहां जाएं।

डॉ. एनके मिश्र का कॉल-डे था : डॉ. विनीत
डॉ. विनीत चौहान का कहना है कि छुट्टी होने की वजह से वह अस्पताल नहीं आए थे। उनके असिस्टेंट डॉ.वीरेश अस्पताल में राउंड लिए हैं। वैसे रविवार को डॉ. एनके मिश्र का कॉल-डे था। डॉ.एनके मिश्र अस्पताल में आए होंगे।

आज निरीक्षण कर दूर करेंगे समस्या
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.कुलदीप सिंह का कहना है कि 15 दिन पहले हमने जिला अस्पताल का निरीक्षण किया था। उस समय डेंगू वार्ड भी देखा था तो व्यवस्थाएं ठीक मिली थीं। हर बेड पर मच्छरदानी थी। रविवार को डॉ. विनीत चौहान की ड्यूटी थी पता नहीं वह क्यों राउंड पर क्यों नहीं आए? उनसे पूछताछ करता हूं। डेंगू वार्ड छोटा है, इसमें आठ बेड हैं। अब हम सोमवार को जिला अस्पताल का फिर निरीक्षण करेंगे। देखते हैं, डेंगू वार्ड में जो भी दिक्कतें हैं उसे दूर कराएंगे और बेड की संख्या भी बढ़वा देंगे।

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