निपाह वायरस: राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने भेजी अपनी सचल प्रयोगशाला कोझिकोड 

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने निपाह वायरस के संदिग्ध संक्रमितों की समय से जांच के लिए बृहस्पतिवार को अपनी सचल बीएसएल-3 प्रयोगशाला केरल के कोझिकोड भेजी। संस्थान ने यह कदम कोझिकोड में निपाह वायरस से संक्रमण के पांच मामलों की पुष्टि होने के बाद उठाया है। पांच मरीजों में से दो की मौत हो चुकी है।

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आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पशुपालन विभाग के विशेषज्ञों को भी राज्य में मवेशियों की निगरानी करने में मदद के लिए भेजा गया है। उन्होंने बताया कि संभव है कि निपाह वायरस की मौजूदगी का पता लगाने के लिए चमगादड़ से नमूने लेकर उनकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘आईसीएमआर की एमबीएसएल-3 प्रयोगशाला जैविक संक्रमण से तृतीय स्तर की सुरक्षा वाली दक्षिण एशिया की पहली प्रयोगशाला है और इसे कोझिकोड में तैनात किया गया है।

इससे जिले में संक्रमण का समय से पता लगाने में मदद मिलेगी।’’ अधिकारियों ने बताया कि अभी तक नमूनों को पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणुरोग संस्थान में जांच के लिए भेजा जाता था। इस सचल प्रयोगशाला की स्थापना पिछले साल फरवरी में नए और बार-बार सामने आने वाले विषाणु संक्रमण की जांच करने के लिए की गई थी।

केरल सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि निपाह वायरस से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए जरूरी ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ राज्य पहुंच गई है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि दिन में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के बीच बैठक हुई और अब ‘मोनोक्लोनल एंटीबॉडी’ आ गई है।

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