बरेली: मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने के लिए मंडल में 5.73 करोड़ खर्च
ज्यादा घटनाएं पीलीभीत में, यहां 3.91 करोड़ विभाग ने किए खर्च
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बरेली, अमृत विचार। मानव और वन्यजीवों के बीच संघर्ष इन दिनों बड़ा खतरा बना हुआ है। इस संघर्ष को रोकने के लिए बरेली मंडल में पिछले चार साल में वन विभाग ने पांच करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं। अधिकारी घटनाओं के कम होने का दावा कर रहे हैं।
वन विभाग के आंकड़ों की माने तो बरेली मंडल में चार साल के अंदर तकरीबन 5.73 करोड़ रुपये मानव और वन्यजीवों के बीच होने वाले संघर्ष को रोकने में खर्च किए गए हैं। सिर्फ बरेली जिले में 1.31 करोड़ रुपये खर्च हुए। बीते दो साल में जिले में किसी इंसान या वन्यजीव की जान नहीं गई, जबकि वित्तीय वर्ष 2019-20 में तीन लोगों और एक वन्यजीव और 2020-21 में एक व्यक्ति की जान गई थी।
मंडल में सबसे ज्यादा रकम पीलीभीत में चार साल में 3.91 करोड़ रुपये खर्च किये। यहां औसतन प्रति वर्ष तीन लोगों की जान जा रही थी, वहीं पिछले साल एक व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी। जबकि पिछले तीन साल में किसी वन्यजीव की मौत मानव-वन्यजीव संघर्ष में नहीं हुई। शाहजहांपुर में 51.73 लाख रुपये चार साल में खर्च हुए। यहां पिछले चार साल में किसी वन्यजीव या इंसान की जान नहीं गई है।
65 किमी क्षेत्र में कराई गई चेनलिंक फेंसिंग
वन संरक्षक विजय सिंह ने बताया कि प्रभावित वन सीमा पर वन्य जीवों को वन क्षेत्र से बाहर आबादी क्षेत्र में आने से रोकने के लिए संवेदनशील 65 किमी क्षेत्र की वन सीमाओं पर चेनलिंक फेंसिंग कार्य पीलीभीत टाइगर रिजर्व में कराया गया है। इसके अलावा 25 किमी में कार्य प्रस्तावित हैं। वहीं बरेली जिले में ग्रामीण और जंगल क्षेत्र से सटे इलाकों में व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया है। समय-समय पर गोष्ठियों में ग्रामीणों को सजग व जागरूक रहने के लिए कहा जाता है।
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