बरेली: बारिश ने स्मार्ट सिटी का उतारा मेकअप, गली-मोहल्ले और पॉश इलाके तालाब में तब्दील
बरेली, अमृत विचार। बीती रात से लगातार हुई बारिश ने स्मार्ट सिटी के चेहरे से मेकअप उतार कर रख दिया है। बारिश ने न सिर्फ शहर को डुबो दिया, बल्कि सभी दावों की इस बार भी पोल खोल कर रख दी है। बारिश से शहर की गली-मोहल्लों के साथ ही पॉश इलाके भी तालाब में तब्दील नजर आए। हालात इतने बदतर हो चले हैं कि सड़कों पर कई-कई फीट तक पानी भरा नजर आया।

वहीं बरेली कॉलेज के पश्चिमी गेट के सामने बारिश के चलते सड़क धंस गई और कई फीट का गड्ढा हो गया है। इतना ही नहीं जलभराव से सरकारी दफ्तर और जिला अस्पताल भी अछूते नहीं रहे।

नगर आयुक्त आवास के बाहर की सड़क भी तालाब बन गई। हालांकि नगर निगम और जिम्मेदार तमाम बैठकें करके जलभराव को लेकर ठोस प्लान बनाने के लगातार दावे करते हैं, लेकिन बारिश होते ही सभी दावे धराशाई हो जाते हैं।

दरअसल, नगर निगम हर साल शहर को जलभराव की समस्या से बचाने के लिए करोड़ों फूंक देता है। जिसमें नाले-नालियों की सफाई के दावे किए जाते हैं और जनता को आश्वासन दिया जाता है कि अब जलभराव की स्थिति नहीं बनेगी। लेकिन कुछ ही देर की बारिश से चोक नाले नालियां उफना जाती हैं और शहर तालाब में तब्दील हो जाता है।

वहीं बीते कई दिनों से एक बार फिर बारिश का दौर चल रहा है। जबकि बीती रात से रविवार दोपहर तक बादल जमकर बरसे। जिससे गली मोहल्लों के साथ ही पॉश इलाके के नाले-नालियां उफना गए और सड़कों पर कई फीट तक पानी भर गया। बारिश से पुराना शहर, बांस मंडी, सुभाष नगर, पवन विहार और रामपुर गार्डन जैसी पॉश कॉलोनियों में भी जलभराव हो गया।

अक्षर विहार के पास सीएमओ रेजिडेंस वाली रोड पर नाला उफनाने से गंदा पानी लोगों के घरों में घुस गया। इसके अलावा महेंद्र नगर फेस वन का हाल तो और भी बदतर है। यहां बारिश होते ही चोक नालियां उफना जाती हैं और गंदा पानी घरों में घुस जाता है। जिसके चलते लोग छतों पर रहने को मजबूर हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि वो कई बार इस समस्या से निजात दिलाने की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों के कान पर जूं नहीं रेंगती। जिससे यहां के निवासी नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। बात करें बदायूं रोड की तो यहां भी कूड़ा-करकट से भरे नाले बारिश से उफना रहे हैं, जिससे गलियों और सड़कों पर जलभराव हो गया। वहीं शहर के कई इलाकों में गालियों में रखे ट्रांसफॉर्मर पानी में डूब गए, जिसकी वजह से बिजली सप्लाई भी बाधित हो गई।

धान और गन्ने की फसल को नुकसान, किसानों की उड़ी नींद
वहीं ग्रामीण इलाकों में तेज हवाओं के साथ हुई मूसलाधार बरसात ने किसानों की नींद उड़ाकर रख दी है। खेतों में धान की फसल बिछ गई है और गन्ने को भी काफी नुकसान पहुंचा है। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें आ गई हैं। इसके अलावा गांवों में जलभराव की समस्या भी बढ़ गई है। रास्तों पर फिसलन होने से लोग फिसल कर चोटिल हो रहे हैं। जबकि कई नदियों का जलस्तर बढ़ने से किनारे बसे गांवों के लोगों की चिंताएं और बढ़ गई हैं।

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