बरेली: जेल में बंद कैदियों के इलाज के लिए टेलीमेडिसिन सेवा शुरू

आठ अपराधियों का जेल प्रशासन करा रहा है इलाज

बरेली: जेल में बंद कैदियों के इलाज के लिए टेलीमेडिसिन सेवा शुरू

दिग्विजय मिश्रा, बरेली, अमृत विचार। जेल में बंद कैदी अब बीमारी का बहाना बनाकर बाहर नहीं आ सकेंगे। जेल प्रशासन ने बंदियों और कैदियों के लिए टेलीमेडिसिन सेवा शुरू कर दी है। इसके माध्यम से आठ कैदियों का इलाज चल रहा है। इनमें छह अपराधी हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं। इन सभी के इलाज के लिए जेल प्रशासन लखनऊ के केजीएमयू समेत कई बड़े अस्पतालों के एक्सपर्ट डॉक्टरों से बात कराकर इलाज करा रहा है।

हर माह 20 से 25 कैदी जाते थे बाहर इलाज कराने
हर माह जेल में बंद 20 से 25 बंदी और कैदी बाहर के अस्पतालों में इलाज कराने जाते थे। कई बार बंदी और कैदी पुलिस अभिरक्षा से फरार भी हो जाते थे। ऐसे में अब इस तरह की परेशानियों से पुलिस को भी छुटकारा मिलेगा।

2950 बंदी और कैदी हैं बंद, 3556 की क्षमता
केंद्रीय कारागार-दो बरेली जेल में 3556 बंदियों को रखने की क्षमता है। इस समय 2950 बंदी और कैदी बंद हैं। जिनमें 140 महिला अपराधी शामिल हैं। वर्तमान में जेल में डॉक्टर मौजूद हैं।

इस तरह से कराते हैं इलाज
जेल में बंद अगर कोई बंदी या कैदी बीमार होने की जानकारी देता है तो उसका इलाज जेल में तैनात डॉक्टर मरीज को अपने पास बैठाकर लखनऊ के डॉक्टर से टेलीमेडिसिन के जरिए इलाज कराते हैं। मरीज की समस्या जेल के डॉक्टर पूछ कर लखनऊ के डॉक्टर को बताते हैं और टेलीमेडिसिन के माध्यम से डॉक्टर मरीज से भी बात कर हकीकत जानता है।

क्या है टेलीमेडिसिन
टेलीमेडिसिन सर्विस से डॉक्टर चित्र और लाइव ऑडियो और वीडियो प्रसारण के माध्यम से रोगियों का इलाज करते हैं। हालांकि प्रसारण के लिए किसी भी साधन का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए कैमरा, टेलीविजन, ऑडियो कंसोल, समेत हाईस्पीड इंटरनेट की जरूरत पड़ती है। इन सभी संसाधनों से जेल को लैस करते हुए टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई है।

क्यों जरूरत पड़ी टेलीमेडिसिन सुविधा शुरू करने की
जेल में आने के बाद अक्सर कैदी बाहर जाने का कोई न कोई बहाना तलाशते हैं, सबसे साधारण बहाना बीमारी है। ऐसे में कैदी जेल से अस्पताल जाने के बहाने डॉक्टरों की मदद से खुद को रेफर करवा लेते हैं और इसी के बहाने वह अपनों और अपने गुर्गों से मिल लेते हैं। कई यहीं से बड़े अपराध की साजिश रचते हैं।

जेल में बंद आठ अपराधियों का इलाज टेलीमेडिसिन के माध्यम से चल रहा है। इससे अब उन्हें इलाज के लिए बाहर नहीं ले जाना पड़ रहा है-रतन कुमार, जेलर केंद्रीय कारागार-दो बरेली।

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