शहरवासियों ! सुनोगे तो करंट लगेगा... आपको 23 घंटा 40 मिनट रोज मिल रही है बिजली

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Published By Vishal Singh
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यह भी झटका कम नहीं, अफसरों की फर्जी रिपोर्ट पर संतुष्ट होकर लौटी प्रदेशीय विद्युत व्यवस्था संबंधी जांच समिति

बरेली, अमृत विचार। इस बार रिकॉर्ड बिजली संकट से जूझे लोगों को उम्मीद थी कि पावर कॉरपोरेशन के अफसर जब विधान परिषद की प्रदेशीय विद्युत व्यवस्था संबंधी समिति से रूबरू होंगे तो उन्हें जवाब देना भारी पड़ जाएगा लेकिन सारी उम्मीद धरी रह गई और अफसरों ने सबकुछ आसानी से सुलटा लिया। पहले से तय सवालों पर अफसरों ने समिति के सामने जिला मुख्यालय को हर दिन 23 घंटे 40 मिनट की सप्लाई करने रिपोर्ट पेश की। तहसील मुख्यालय पर 21:20 घंटे, नगर पालिका और नगर पंचायत स्तर पर 21:17 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 17:53 घंटे की नियमित सप्लाई का दावा किया। रिपोर्ट पर समिति भी संतुष्ट हो गई।

बरेली में शहर से देहात तक बिजली संकट को इस बार अभूतपूर्व बताया जा रहा था। लगातार बारिश के बाद अब जबकि बिजली की मांग काफी घट चुकी है, तब भी जिले में बिजली संकट खत्म नहीं हुआ है। रिकॉर्डतोड़ संख्या में ट्रांसफार्मर फुंकने की घटनाओं के बाद प्रभावित इलाकों को कई-कई दिन अंधेरे में रहना पड़ा है। पिछले दिनों में ग्रामीण इलाकों में तमाम प्रदर्शन हुए हैं। लेकिन इसके बावजूद मीडिया के अंदर आने पर पाबंदी लगाकर पावर कॉरपोरेशन के अफसर समिति के साथ विकास भवन के सभागार में बैठे तो आसानी से यकीन दिलाने में कामयाब हो गए कि जिले में बिजली सप्लाई की व्यवस्था सरकार के दावों के अनुरूप है। शेड्यूल के मुताबिक सप्लाई करने में न कहीं कटौती हो रही है न ट्रिपिंग।

दिलचस्प यह रहा कि इस बैठक में प्रशासन के अफसरों के साथ जिले के कई विधायक भी मौजूद थे लेकिन बिजली संकट का कहीं कोई जिक्र नहीं हुआ। बैठक में समिति के सभापति डॉ. जयपाल सिंह व्यस्त, उपसचिव प्रताप नारायण द्विवेदी, सदस्य बृजेश कुमार सिंह (प्रिंसू), सदस्य अशोक कटारिया, सदस्य कुंवर महाराज सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, महापौर उमेश गौतम, विधायक डॉ. श्याम बिहारी लाल, डॉ. एमपी आर्य, डॉ. डीसी वर्मा, सीडीओ जग प्रवेश, मुख्य अभियंता राजीव कुमार शर्मा, अधीक्षण अभियंता विकास सिंघल, अशोक कुमार चौरसिया, अधिशासी अभियंता अनुज गुप्त, पंकज भारती, उमेश चंद्र सोनकर, गौरव शुक्ला, सत्येन्द्र चौहान मौजूद रहे।

जनप्रतिनिधियों के फोन न उठाने वाले अफसर विधान परिषद में होंगे तलब
जनप्रतिनिधियों ने बैठक में बिजली विभाग के अफसरों पर उनकी फोन कॉल तक रिसीव न करने का आरोप लगाया। इस पर सभापति डॉ. जयपाल सिंह ने चेतावनी दी कि फोन न उठाने वाले अधिकारियों को विधान परिषद में तलब कर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। समिति ने पाया कि आबादी के सापेक्ष कम कनेक्शन जिले में बिजली चोरी का मुख्य कारण है। कहा, बिजली चोरी रोकने के लिए टेक्नोलॉजी इस्तेमाल करने के साथ बिजली कनेक्शन देने में तेजी लाई जाए। सभापति ने निर्देश दिए कि शिकायतों का गुणवत्ता से निस्तारण किया जाए। इसकी जांच के लिए एक्सईएन स्तर का अधिकारी लगाया जाए। किसी भी कॉल को अफसर तुरंत रिसीव करें और प्राथमिकता पर समस्या का निस्तारण कराएं। उन्होंने कहा कि शासन ने जिले में 16 सौ करोड़ रुपये के काम स्वीकृत किए है। अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय से काम कराएं। ट्रांसफार्मर खराब होने पर समय पर बदले जाएं, इसका कोई अतिरिक्त चार्ज उपभोक्ता पर न लगाया जाए।

सूर्यास्त से लेकर सूर्योदय तक नहीं मारे जाएंगे छापे
समिति ने निर्देश दिए कि सूर्यास्त से सूर्योदय तक कहीं छापा न मारा जाए। बिना उच्चाधिकारियों की जानकारी के भी छापे न पड़ें। चोरी पकड़ने के लिए टीमें घर में कूदकर या सीढ़ी लगाकर न जाएं। अगर घर में सिर्फ महिलाएं हैं तो टीम में महिला जरूर हो। मीटर रीडरों को पहचान पत्र दिए जाएं जिन्हें गले में डालकर ही वे बिल निकालने जाएं। बिल उपभोक्ता के हाथ में ही दें, गेट के ऊपर या नीचे से न डाले। अधिकारियों ने बताया कि एक साल में बिजली चोरी के 6 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं।

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