प्रयागराज : अयोध्या बम ब्लास्ट के आरोपियों को मिली सशर्त जमानत

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Published By Virendra Pandey
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प्रयागराज, अमृत विचार। अयोध्या बम ब्लास्ट और आतंकी हमले के षड्यंत्र में 18 साल से उम्र कैद की सजा काट रहे अपराधियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपील में बेल पर सुनवाई करते हुए सशर्त जमानत दे दी है। सजा के खिलाफ अपील पर सुनवाई आगामी 4 दिसंबर 2023 को सुनिश्चित की गई है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति सैयद आफताब हुसैन रिजवी की खंडपीठ ने शकील अहमद, मोहम्मद नसीम, आसिफ इकबाल उर्फ फारूक और डॉक्टर इरफान की आपराधिक अपील पर जमानत देते हुए पारित किया।

कोर्ट ने मुख्य रूप से कहा कि रिकॉर्ड पर विचार करते हुए यह निष्कर्ष निकाला गया है कि यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और इस पर किया गया हमला सभ्य समाज पर किए गए हमले की तरह माना जाना चाहिए, साथ ही यह भी कहा गया कि सभी याचियों को संबंधित थाने में हर हफ्ते रिपोर्ट करना होगा। पासपोर्ट भी समर्पित करना होगा। देश छोड़ने पर भी प्रतिबंध रहेगा और सभी को जुर्माने की राशि भी 6 सप्ताह के भीतर जमा करना अनिवार्य होगा। मालूम हो कि जुलाई 2005 में श्री राम जन्मभूमि परिसर में ही पांच आतंकी हमलावरों को मार गिराया गया था, लेकिन उस हमले में एक नागरिक रमेश कुमार पांडेय की भी जान चली गई थी। आसिफ इकबाल उर्फ फारूक पर हमले का मुख्य साजिशकर्ता होने का आरोप है।

डॉ इरफान दिल्ली में क्लीनिक चलाता है। हमले में शामिल आतंकियों को पनाह देने में इसका नाम सामने आया था। मारे गए आतंकियों में एकमात्र पहचाने गए आतंकी अरशद का इसके यहां आना-जाना था। राम जन्मभूमि की पूरी लोकेशन इसी ने आतंकियों को उपलब्ध कराई थी। इसके कब्जे से एक पैनासोनिक मोबाइल बरामद हुआ था, जिससे मारे गए आतंकियों के मोबाइल पर बात की गई थी।मोहम्मद नसीम ने जम्मू में शहजान की दुकान से अपने पहचान पत्र पर सिम कार्ड खरीदा था। मोहम्मद शकील असलहे ले जाने में इस्तेमाल की गई टाटा सुमो का मालिक था और मोहम्मद अजीज ने आतंकियों द्वारा सिम को खरीदने में मदद की थी। सभी आरोपियों के खिलाफ फैजाबाद जिले के राम जन्मभूमि पुलिस थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि निषेध अधिनियम की धारा 18, 19 और 20 के तहत मुकदमा दर्ज करवाया गया था। जिस पर निचली अदालत ने इन्हें दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। प्राथमिकी के तथ्यों के अनुसार 5 जुलाई 2005 को सुबह लगभग 9:15 बजे एक मार्शल जीप अयोध्या में जैन मंदिर के पास आकर खड़ी हुई और अचानक उसमें धमाका हुआ। इसके बाद एके-47 राइफल, कारतूस और रॉकेट लांचर जैसे हथियारों से लैस पांच आतंकियों ने राम जन्मभूमि स्थल परिसर पर हमला किया और सुरक्षा बलों के जवाबी हमले में पांचों आतंकी मारे गये।

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