लखनऊ : चारबाग स्टेशन के टिकट काउंटर पर तीन दिन से बीमार पड़ा रहा बंदर, सोते रहे जिम्मेदार

लखनऊ : चारबाग स्टेशन के टिकट काउंटर पर तीन दिन से बीमार पड़ा रहा बंदर, सोते रहे जिम्मेदार

लखनऊ, अमृत विचार। पशुओं के लिए जिम्मेदार विभाग और एनजीओ कितने सजग हैं यह राजधानी के चारबाग स्टेशन से पता चलता है। जहां टिकट काउंटर के पास तीन दिन से बीमार बंदर भूखा-प्यासा तड़प रहा है। लेकिन न तो रेलवे प्रशासन की नजर पड़ी और न ही पशु प्रेमियों ने सुध ली। जबकि टिकट काउंटर के पास हर वक्त लोगों की भारी भीड़ रहती है।

शुक्रवार दोपहर एक राहगीर की नजर इस बीमार बंदर पर पड़ी तो टिकट बेच रहे शादाब आगे आए। पहले पशुपालन विभाग को जानकारी दी, लेकिन उन्होंने नगर निगम का हवाला देकर मना कर दिया। पशुओं के उपचार के लिए चली 1962 सेवा भी फेल साबित हुई, कर्मियों ने शिकायत तो दर्ज कर ली लेकिन, मौके पर एंबुलेंस नहीं पहुंची। यही नहीं नगर निगम के पशु चिकित्सक ने फोन तक नहीं उठाया, बल्कि कंट्रोल रूम का नंबर साझा कर दिया जो बमुश्किल लगा तो वन विभाग का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ दिया। नगर निगम के व्हाट्सएप ग्रुप पर डाली गई बीमार बंदर की फोटो पर किसी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।

ऐसे में सृष्टी अपार्टमेंट निवासी समाजसेवी विवेक शर्मा ने बीमार बंदर की फोटो रेल मंत्री समेत चारबाग रेलवे, जीआरपी, डीआरएम व वन विभाग के अधिकारियों समेत अन्य को लखनऊ से लेकर दिल्ली तक ट्विट कर दी। फिर क्या था रेल प्रशासन हरकत में आया और चंद मिनटों में ही बड़ों के फोन घनघनाने लगे। पर चारबाग रेलवे स्टेशन पर पडे़ बंदर को ढूंढ नहीं पाए। रेल प्रशासन से ट्विटर पर शिकायत दर्ज कराने व फारवर्ड करने का रिप्लाई दिया। नगर निगम से संपर्क किया। करीब एक घंटे बाद डीएफओ डॉ. रवि गुप्ता के निर्देश पर वन विभाग की रेस्क्यू टीम पहुंची और बंदर को उपचार के लिए ले गई। इधर, यह तीन विभागों की लापरवाही से हुई फजीहत का मामला पशुपालन मंत्री के साथ मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गया। जहां से बराबर अधिकारियों को फोनकर मामले की जानकारी ली गई।

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