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बरेली: कस्तूरबा स्कूलों में नहीं पहुंचा रोजमर्रा का सामान, परेशानी बढ़ी
बरेली, अमृत विचार। कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में राेजमर्रा का सामान अभी तक नहीं पहुंचा है। जिस कारण स्कूल की बालिकाओं और वार्डनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
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स्कूलों की ओर से करीब 45 दिन पहले ही डिमांड तैयार कर भेज दी गई थी। स्कूलों में सामान नहीं पहुंचने से बालिकाओं के जरूरी सामानों को बाहरी दुकानों से वार्डनों को उधार में महंगे दाम पर खरीदना पड़ रहा है।
अभी तक स्कूलों में सामान नहीं पहुंचाने पर विभागीय अधिकारी निर्धारित फर्म को कई बार मौखिक रूप से जल्द से जल्द सामान पहुंचाने के निर्देश भी दे चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक जुलाई से अब तक स्कूलों में सामान नहीं पहुंचा है।
वहीं टेंडर के जरिए सरकारी राजस्व को चूना लगाने के मामले में सीडीओ ने बीएसए से बुधवार तक विस्तृत रिपोर्ट देने ने निर्देश दिए हैं। इसके बाद बीएसए की रिपोर्ट के आधार पर इस घोटाले की रिपोर्ट शासन को तैयार कर भेज दी जाएगी।
कस्तूरबा स्कूलों में महंगे और बाजार भाव से कई गुना सस्ते दामों पर सामान मुहैया कराने के मामले में फर्म संचालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना तय है। विभागीय नियमों को ताक पर रख इन फर्मों को टेंडर स्वीकृत करने के मामले में भी उच्चाधिकारियों की भूमिका की भी जांच हो सकती है। कस्तूरबा स्कूलों में खाद्यान मुहैया कराने के लिए गोंडा और रोजमर्रा के सामानों के लिए बरेली की फर्म शिवांगी ट्रेडर्स को टेंडर स्वीकृत किया गया था।
इस प्रकरण में फर्मों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य हैं और कई अनियमितताएं भी प्राथमिक जांच में उजागर हुई हैं। बीएसए से पूरी रिपोर्ट बुधवार तक मांगी गई है। किसी भी अधिकारी की संलिप्तता पाई जाती है तो कड़ी कार्रवाई होगी। विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
जगप्रवेश , सीडीओ
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