बरेली: खानकाह-ए-शाह शराफत ने हमेशा दिया इत्तेहाद और अमन का पैगाम

बरेली: खानकाह-ए-शाह शराफत ने हमेशा दिया इत्तेहाद और अमन का पैगाम

बरेली, अमृत विचार। उर्स-ए-शाह शराफत मियां के दूसरे दिन दीवान खाना चौक पर तकरीरी कार्यक्रम हुआ, जिसका आगाज हाफिज कारी आमिल सकलैनी ने तिलावते कलामे पाक से किया। निजामत मुख्ता सकलैनी तिलहरी ने की। सज्जादानशीन सकलैन मियां की सरपरस्ती में कार्यक्रम हुआ।

इस मौके पर मौलाना शफाअत उल उल्लाह सकलैनी ने कहा कि खानकाह-ए-शाह शराफत मियां से हमेशा अमन, इत्तेहाद और भाईचारे का पैगाम दिया जाता रहा है। समाज और सभी धर्मों के लोगों को बिना भेदभाव देखा जाता है और इंसानियत की तालीम दी जाती है।

मीडिया प्रभारी हमजा सकलैनी ने बताया कि मौलाना सूफी जाफर शराफती सकलैनी ने खुसूसी खिताब में कहा कि शाह शराफत अली मियां एक कामिल और अल्लाह वाले थे। मौलाना कारी अनवार, अहमद सकलैनी, हाफिज अफसार सकलैनी, हाफिज जीशान सकलैनी, हाफिज आफाक सकलैनी, हाफिज ओ कारी आमिल सकलैनी, हाफिज अब्दुल कादिर सकलैनी, इमरान सकलैनी, सैयद अरबाज सकलैनी, मजहर सकलैनी आदि ने कलाम पेश किए।

हाफिज गुलाम गौस सकलैनी, हाजी लतीफ सकलैनी, हाजी इंतजार हुसैन सकलैनी, मुख्तार सकलैनी, जिया राशिद सकलैनी आदि मौजूद रहे।

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दिन भर खानकाह पहुंचे चादरों के जुलूस
उर्स-ए-शराफती के दूसरे दिन का आगाज सोमवार को फज्र की नमाज के बाद कुरानख्वानी से हुआ। खानकाह शरीफ पर फातिहा हुई और जायरीन ने जियारत की। दिन भर चादरपोशी और गुलपोशी का सिलसिला चलता रहा। जायरीन ने खानकाह के मेहमान खाने में शाह मोहम्मद सकलैन मियां से मुलाकात की।

उर्स में शिरकत के लिए शहर व आस-पास गांव, कस्बों से चादरों के जुलूसों पहुंचते रहे। उर्स में शिरकत करने के लिए हजरत शाह सकलैन एकेडमी के अध्यक्ष डॉ. इस्माइल कुरैशी, उस्मान सकलैनी घड़ियाली, सईद सकलैनी, हनीफ मुछाड़ा, जुनेद मुछाड़ा, अनीस सकलैनी व अन्य जायरीन बड़ी तादाद में आए। मंगलवार को भी अलग-अलग जिलों से चादरों के जुलूस आएंगे। वहीं रात को दीवानखाना पर तकरीरी कार्यक्रम होगा।

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