कासगंज: पुलिस बताए किसके आदेश पर दरोगा ने की थी गिरफ्तारी- हाईकोर्ट

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Published By Vishal Singh
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उच्च न्यायालय ने की तल्ख टिप्पणी, सात दिन की दी मौहलत

कासगंज, अमृत विचार। न्ययालय द्वारा गिरफ्तारी पर रोक के आदेश के बावजूद भी पुलिस द्वारा अभियुक्त को गिरफ्तार करने के मामले में कासगंज पुलिस कठघरे में खड़ी है। उच्च न्यायालय काफी तल्ख दिखाई दे रहा है। दरोगा को इस मामले में निलंबित किया जा चुका है। एसपी व्यक्तिगत शपथ पत्र दाखिल कर चुके है। कोतवाली प्रभारी भी सोमवार को न्यायालय में प्रस्तुत हुए, लेकिन न्यायायल संतुष्ट नहीं दिखा और तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि कासगंज पुलिस बताए किसके आदेश पर दरोगा ने गिरफ्तारी की थी। न्यायालय ने अब अग्रिम तिथि नियत कर दी है। एसपी को सात दिन की मौहलत दी है।

गोलीकांड के मामले में कासगंज के मुहल्ला नवाब निवासी अजय कुमार शर्मा को पुलिस ने बीती 24 अगस्त को गिरफ्तार कर लिया था। आरोप है कि न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी पर रोक का आदेश था उसके बाद भी पुलिस ने मनमानी की। पीड़ित ने न्यायालय के आदेश की अवेहलना को लेकर अधिवक्ता को अवगत कराया। अधिवक्ता ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया फिर क्या था कासगंज पुलिस मुसीबत में फंस गई। बीती 18 सितंबर को मामले में कोतवाली प्रभारी, विवेचक और उपनिरीक्षक तलब हुए। यहां कोतवाली प्रभारी हरिभान सिंह राठौड़ ने शपथ पत्र देकर अपना पक्ष रखा। न्यायालय उससे संतुष्ट नहीं हुआ। 

फिर न्यायालय ने एसपी से व्यक्तिगत शपथ पत्र मांगते हुए टिप्पणी कर दी कि अग्रिम तिथि तक बताएं कि क्या कार्यवाही की गई। इधर एसपी ने दरोगा विनय शर्मा को निलंबित कर दिया और सोमवार को नियत तिथि पर न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कराया। इस शपथ पत्र से न्यायालय संतुष्ट नहीं दिखा। न्यायालय में अपने आदेश में कहा है कि शपथ पत्र में स्पष्ट नहीं है कि दरोगा ने किसके आदेश पर यह गिरफ्तारी की है और थानाध्यक्ष पर क्या कार्यवाही की गई है। अब सात दिन का समय दिया गया है और कहा है कि दूसरा शपथ पत्र दाखिल करें। जिसमें बताएं कि किसके आदेश पर गिरफ्तारी हुई। यदि ऐसा नहीं है तो संबंधित थानाध्यक्ष पर क्या कार्यवाही की।

क्या बोले अधिकवक्ता
आवेदक के अधिवक्ता रवितेंद्र प्रताप सिंह चंदेल ने बताया कि  न्यायालय द्वारा गिरफ्तारी पर रोक थी तब भी गिरफ्तारी की गई। अब कासगंज एसपी से पुन: शपथ मांगा गया है। सात दिन का समय उन्हें न्यायालय ने दिया है। विवेचक भूदेव सिंह को अग्रिम आदेश तक मुक्त किया गया है। अग्रिम तिथि पर थानाध्यक्ष हरिभान सिंह राठौड़ को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने को कहा है। सात दिन में एसपी शपथ पत्र नहीं देते हैं तो अग्रिम तिथि पर न्यायालय ने एसपी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने को कहा है।

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