बरेली: लंपी रोग से बचाव को बार्डर पर पशुओं की आवाजाही पर रहेगी नजर

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Published By Vishal Singh
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डीएम ने विकास भवन में बैठक कर रोग से बचाव की तैयारियों की समीक्षा की

विकास भवन में अधिकारियों के साथ बैठक करते डीएम रविंद्र कुमार।

बरेली, अमृत विचार। पशुओं में होने वाली लंपी रोग से बचाव के लिए प्रशासन सतर्क है। हालांकि जिले में अभी कोई केस नहीं आया है फिर भी एहतियातन जिले की सीमा से पशुओं के आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। रविवार को विकास भवन सभागार में डीएम रविंद्र कुमार ने अफसरों के साथ बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए। 

उन्होंने पशु चिकित्सकों से कहा है कि गांवों के पशुओं का टीकाकरण शत प्रतिशत हो जाए। बैठक में डीएम ने सबसे पहले पिछले साल लंपी से गोवंशीय पशुओं की मौत का आंकड़ा मांगा। जिसमें 525 केस थे, इनमें छह पशुओं की मौत हुई थी। डीएम ने पशुओं को दूसरे जिले से लाने और ले जाने वाली व्यवस्था को लेकर पुलिस, मजिस्ट्रेट, एसपी यातायात और जीएसटी विभाग के अफसरों से कहा कि यदि कोई वाहन पशुओं से भरा हुआ आए तो उसे बार्डर से ही वापस लौटा दें। यदि कोई नहीं मानता तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएं। ग्रामीण क्षेत्र में लंपी रोग के प्रति जागरूक करने पर किसान पशु छोड़ना नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ भी पशु क्रूरता अधिनियम में रिपोर्ट दर्ज कराई जाए। 

सीवीओ ने बताया के जिले में दो लाख वैक्सीन उपलब्ध हैं। इस पर डीएम ने कहा कि पशुओं की संख्या वास्तविक और रजिस्टर में बराबर होनी चाहिये। बैठक में एसएसपी घुले सुशील चन्द्रभान, सीडीओ जग प्रवेश, एडीएम प्रशासन दिनेश, एडीएम एफआर संतोष बहादुर सिंह, पीडी डीआरडीए तेजवंत सिंह आदि मौजूद रहे।

पराली न जलाने को लेकर जागरूकता वैन की रवाना
जिले में पराली एवं फसल अवशेष जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए रविवार को विकास भवन में जनपद स्तरीय अनुश्रवण समिति एवं कम्बाईन स्वामियों की बैठक डीएम रविंद्र कुमार की अध्यक्षता में हुई। उप कृषि निदेशक डॉ. राजेश सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर वर्तमान में चल रही तैयारियों के बारे में बताया। इस पर डीएम ने पिछले वर्षों में फसल अवशेष जलाने की घटनाओं की जानकारी ली। 

उन्होंने किसानों से अपील करते हुए कहा कि पराली न जलाएं बल्कि इसका खेत में ही उपयोग एवं प्रबंध करें और नजदीकी गोशालाओं में दान करें। फसल अवशेष जलाना मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण के विरुद्ध किया जाने वाला अपराध है। बैठक के बाद डीएम ने फसल अपशिष्ट प्रबंधन जागरूकता वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। बैठक में सीडीओ जग प्रवेश, एसएसपी घुले सुशील चंद्रभान, उप कृषि निदेशक डाॅ. राजेश सिंह, जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी, जिला कृषि रक्षा अधिकारी अर्चना प्रकाश वर्मा, जिला उद्यान अधिकारी पुनीत पाठक, सहायक निदेशक मत्स्य विभा लोहनी समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

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