हल्द्वानी: 'लापरवाही' की सीलन से एसटीएच में 'मजबूरी' का ताला

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Published By Bhupesh Kanaujia
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हल्द्वानी, अमृत विचार। एसटीएच में हड्डी रोग (ऑर्थो) ओटी व मेडिसिन आईसीयू की छत पर 42 बेड का प्री फैब आईसीयू बन रहा है। लेकिन कार्यदायी संस्था की कारगुजारी का खामियाजा एसटीएच को भुगतना पड़ रहा है। छत पर तोड़फोड़ के कारण आई सीलन से जुलाई माह से ऑर्थो ओटी व मेडिसिन आईसीयू में ताला लटका है।
 

केंद्र सरकार के इमरजेंसी कोविड रिस्पांस पैकेज फेज-टू (ईसीआरपी-सेकेंड) के तहत एसटीएच में आठ करोड़ रुपये की लागत से 42 बेड का प्री फैब पीडियाट्रिक केयर यूनिट निर्माण का जिम्मा नामित कंपनी हिंदुस्तान स्टील वर्क्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (एचएससीएल) को दिया गया था।

इस वर्ष मई माह में कंपनी ने निर्माण शुरू किया था। कार्य के दौरान मजदूरों ने हड्डी रोग (ऑर्थो) ओटी व मेडिसिन आईसीयू की छत को जगह-जगह तोड़ा। जिससे बरसात में छत में पानी जमा होने से रिसाव हो गया और ऑर्थो ओटी व मेडिसिन आईसीयू में पानी टपकने लगा।

इस पर अस्पताल प्रशासन को ओटी को न्यूरो तथा मेडिसिन आईसीयू को जे वार्ड में बने 20 बेड के आईसीयू में शिफ्ट कर वहां ताला लगाना पड़ा था। कंपनी की लापरवाही से गायनी ओटी तक सीलन आ गई थी। मामले में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कंपनी को नोटिस देकर ओटी व आईसीयू ठीक करने को कहा था। लेकिन नोटिस का कंपनी पर कोई असर नहीं हुआ। जिस कारण ऑर्थो ओटी व मेडिसिन आईसीयू वर्तमान में बंद है।

अब एचएससीएल को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी
राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने निर्माण में लापरवाही बरतने व नोटिस देने के बावजूद ओटी व मेडिसिन आईसीयू, गायनी ओटी को ठीक न करने पर एचएससीएल को ब्लैक लिस्ट करने की तैयारी शुरू कर दी है। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि कंपनी को कई बार नोटिस दिया जा चुका है, लेकिन अभी तक निर्माण शुरू नहीं किया है। ऐसे में अस्पताल प्रशासन अपनी ओर से ओटी व आईसीयू की मरम्मत कराएगा। इसका जो भी खर्च आयेगा उसकी धनराशि कंपनी को भुगतान के समय काटी जाएगी।

छह अन्य जगहों पर भी लापरवाही की शिकायत
अपर मिशन निदेशक अमनदीप कौर ने बीती 22 सितंबर को एचएससीएल को नोटिस जारी किया है। इसमें हल्द्वानी एसटीएच के अलावा जिला अस्पताल बागेश्वर, उप जिला अस्पताल रानीखेत, उप जिला अस्पताल रामनगर, जिला अस्पताल टिहरी, राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में भी मानक के अनुरूप कार्य न होने की बात कही है। साथ ही मामले में स्पष्टीकरण मांगा है। उन्होंने चेताया कि संतोषजनक उत्तर नहीं मिला तो संस्था को काली सूची में डालने की कार्रवाई की जायेगी।


कंपनी को 22 सितंबर को नोटिस दिया था, जिसमें एक सप्ताह के अंदर कार्य करने के निर्देश दिये थे। लेकिन अभी तक मरम्मत नहीं हो पाई है। कंपनी को ब्लैक लिस्ट करने की भी तैयारी चल रही है। ओटी व मेडिसिन आईसीयू को चालू करने के लिए अस्पताल प्रशासन खुद मरम्मत कार्य करायेगा। इसका सारा खर्च कंपनी के भुगतान से काटा जायेगा। 
- डॉ. अरुण जोशी, प्राचार्य, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी