लखनऊ: मंत्री को जानकारी नहीं, बुजुर्ग को थप्पड़ मारने वाला बाबू एआरटीओ में अटैच
ट्रांसफर सीजन में श्रावस्ती हुआ था स्थानांतरण, चार माह बाद में देवा रोड दफ्तर से किया सम्बद्ध
लखनऊ, अमृत विचार। परिवहन विभाग में उच्चाधिकारियों की मनमानी के आगे नियम- कायदे कोई मायने नहीं रखते। भ्रष्टाचार दूर करने की प्रदेश सरकार की तमाम प्रयासों को धता बताते हुए अधिकारी नियमावली तो छोड़िए विभागीय मंत्री तक के निर्देशों की अनदेखी करते हैं। कुछ ऐसा ही गड़बड़झाला इस बार एक बाबू के संबंध में किया गया है।
बुजुर्ग आवेदनकर्ता को थप्पड़ मारने वाले आरटीओ के बड़े बाबू को इसी ट्रांसफर सीजन में श्रावस्ती स्थानांतरित कर दिया गया लेकिन महज चार महीने बाद उसे फिर राजधानी के देवा रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया। हैरानी की बात ये है कि नियमों के विपरीत इस सम्बद्धता के बारे में परिवहन मंत्री तक को भी जानकारी नहीं दी गई।
उल्लेखनीय है कि ट्रांसपोर्ट नगर स्थित संभागीय परिवहन कार्यालय( आरटीओ ) में बीती 31 मई को राजकपूर गुप्ता (62) परमिट काउंटर पर अपने वाहन से संबंधित कार्य कराने के लिए आए थे। वह काउंटर नंबर सात पर अपने काम से संबंधित जानकारी मांग रहे थे। इसी दौरान बड़े बाबू पवन कुमार त्रिपाठी अपनी सीट से उठकर उनके पास आए और 2400 रुपये सुविधा शुल्क के तौर मांगे।
बुजुर्ग कपूर ने जब उनसे इसकी रसीद मांगी तो पवन कुमार त्रिपाठी ने दनादन कई थप्पड़ मारे थे। पीड़ित राजकपूर ने इसकी शिकायत अपर परिवहन आयुक्त से की थी। यही नहीं मारपीट का मामला भी उस दौरान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। जिसके बाद उच्चाधिकारियों ने जांच बैठाते हुए आरोपी बड़े बाबू को मुख्यालय से सम्बद्ध कर दिया था।
जांच की रिपोर्ट तो विभाग ने आज तक सार्वजनिक नहीं की लेकिन आरोपी बाबू को 30 जून माह को श्रावस्ती स्थानांतरित कर दिया। विभागीय सूत्रों के मुताबिक आरोपी ने ज्वाइन तो किया पर लेकिन फिर कभी गया ही नहीं। इस बीच लखनऊ में रहकर उच्चाधिकारियों से सांठगांठ कर चार महीने में ही फिर लखनऊ में अटैचमेंट करा लिया।
आरोपी बाबू पवन कुमार त्रिपाठी पर उन्नाव में तैनाती के दौरान भी मारपीट के आरोप लगे थे। वहीं, देवा रोड के एआरटीओ हिमांशु कुमार जैन ने बताया कि बीते 6 अक्टूबर को मुख्यालय से वरिष्ठ सहायक पवन कुमार त्रिपाठी को एआरटीओ कार्यालय देवा रोड में सम्बद्ध्ता के लिए आदेश आया। जिसके आधार पर शुक्रवार को उसे ज्वाइन करा दिया गया। फिलहाल उसे कोई कार्य नहीं सौंपा गया है। ,
वरिष्ठ सहायक को एआरटीओ कार्यालय में अटैच करने की जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं है अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच कराकर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी...दयाशंकर सिंह,परिवहन मंत्री।
श्रावस्ती में तैनात वरिष्ठ सहायक पवन कुमार त्रिपाठी को सीमित समय के लिए देवा रोड स्थित एआरटीओ कार्यालय से अटैच किया गया है। भविष्य में किसी प्रकार की शिकायत मिली तो कठोर कार्रवाई की जायेगी..., नरेन्द्र सिंह,अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) ।
