अयोध्या: हुतात्माओं के लिए राम की पैड़ी पर 11 हजार दीपों का हुआ दान, जन्मभूमि परिसर में संपन्न हुआ नौ दिवसीय अनुष्ठान

Amrit Vichar Network
Published By Sachin Sharma
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अयोध्या। प्राण प्रतिष्ठा के पहले राम मंदिर आंदोलन में बलिदान होने वाले हुतात्माओं की शांति दिलाने के लिए श्रीराम जन्मभूमि परिसर में चल रहा नौ दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को संपन्न हुआ। अनुष्ठान के बाद 21 ब्राह्मणों को वस्त्र और भोजन दान कर श्राद्ध किया गया। वहीं शाम को विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं व वटुक ब्राह्मणों ने देर शाम श्रीरामजन्मभूमि परिसर से सरयू घाट स्थित राम की पैड़ी तक मशाल जुलूस निकाला।

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राम की पैड़ी पर कांची कामकोट पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी विजेंद्र सरस्वती के नेतृत्व में 11 हजार से अधिक दीप प्रज्वलित कर बलिदानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कांची कामकोट के पीठाधीश्वर स्वामी विजेयन्द्र सरस्वती ने कहा कि अयोध्या में सरयू तट के पास एक बार फिर प्रभु श्रीराम का अवतार हो चुका है। अयोध्या में बन रहा भव्य मंदिर निर्माण निर्विघ्न रूप से संपन्न हो। राम मंदिर के लिए जिन लोगों ने त्याग किया, ऐसे हुतात्माओं की शांति के लिए पितृपक्ष के दौरान दीपदान किया गया।

ट्रस्ट महासचिव चंपत राय ने कहा कि पितृपक्ष में लोग अपने पूर्वजों के लिए अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। काशी कामकोटि के पीठाधीश्वर ने परामर्श दिया था कि राम मंदिर के लिए बलिदान हुए लोगों की इच्छाएं पूरी हुई हैं। ऐसे लोगों की आत्मा की शांति के लिए यह दीपदान किया गया। विहिप के प्रांतीय मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने बताया कि नारायण बलि, बाल्मीकि रामायण का पारायण, श्रीरामचरितमानस का पाठ किया गया। इसके उपरांत ब्राह्मण जनों और समाज को भी भोजन कराया गया।

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